रतलाम के सरकारी स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों की काउसंलिंग चल रही है। पोर्टल अपडेट नहीं होने के कारण गई गड़बड़िया भी सामने आ रही है। मृत शिक्षकों के नाम भी पोर्टल पर आ रहे है। गड़बड़ियों के चलते काउंसलिंग में आपत्तियां भी आ रही है और विवाद की स्थिति भी बन रही है। शहर के जवाहर उमावि में काउंसलिंग की जा रही है। विभाग के पोर्टल पर शिक्षकों की सूची अपडेट नहीं होने के कारण कई गड़बड़िया सामने आ रही है। इससे शिक्षक परेशान हो रहे है। पोर्टल पर शिक्षकों की सूची अपडेट नही होने के कारण स्कूलों में सीनियर टीचर के स्थान पर जूनियर टीचर को बुलाया जा रहा है। यहां तक मृत हो चुके या तीन साल पहले ट्रांसफर हो चुके शिक्षको के नाम तक नहीं हटाए है। एक नियम दो शिक्षको के लिए अलग-अलग है। ऐसा ही प्रकरण शासकीय प्राथमिक स्कूल दिनदयाल नगर में सहायक शिक्षक अनोखी लाल बसेर को अतिशेष बताया। उनके स्कूल की तीन वर्ष के बच्चों की मेपिंग के आधार पर उनका नाम अधिशेष से निरस्त किया। इसी प्रकार शासकीय प्राथमिक स्कूल सांवलिया रूंडी में सीमा कस्तुरे ने आपत्ति ली। उनके स्कूल में बच्चों की मेंपिग के मान से उनका नाम अतिशेष करने की मांग की। लेकिन इनकी आपत्ति निरस्त कर दी। मध्यप्रदेश शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष सर्वेश कुमार माथुर ने बताया कि अतिशेष शिक्षक सवर्गीय की काउंसलिंग में धांधली की जा रही है। जबाबदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है। लिपिक प्रमोद बरानिया की हठधर्मिता के कारण सीमा कस्तुरे की आपत्ति निरस्त ही कर दी गई। जो कि न्यायोचित नही है। शासन आदेशानुसार नियमानुसार सभी के साथ समानता पूर्ण व्यवहार होना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। कलेक्टर से मिलकर समस्याओं से अवगत कराया जाएगा। डीईओ केसी शर्मा ने बताया कि पोर्टल के अनुसार सूची जारी हुई है। अगर गलती से किसी शिक्षक का नाम अतिशेष में आ गया है तो वह अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है। ताकि सुधार किया जा सके। जो भी आपत्ति आ रही है उसको सुधार किया जा रहा है।