शहर में इस बार मेघ मेहरबान रहे। 3 माह के मानसून सीजन में औसत बारिश के दिन 27 हैं, लेकिन इस बार 46 दिन बादल बरसे। अभी सितंबर के दिन बाकी है। सितंबर में भी इस बार सामान्य के आसपास बारिश की उम्मीद है। सितंबर में औसत बारिश के 6 दिन हैं। इस तरह 4 माह के मानसून सीजन में इस बार औसत बारिश के दिनों की संख्या दोगुना तक हो सकती है। मानसून सीजन में शहर में अब तक 786.9 मिमी बारिश हो चुकी है। यह अब तक के कोटे से करीब 40% ज्यादा है। मौसम विभाग का कहना है कि इस बार बारिश के दिन इसलिए बढ़े हैं क्योंकि मानसून में ब्रेक नहीं आया। साथ ही लगातार थोड़ा-थोड़ा बारिश होती रही है। तिघरा बांध सिर्फ अब दो फीट खाली अच्छी बारिश से अंचल के बांध भर गए हैं। अपर ककैटो से ककैटो से तिघरा बंाध के लिए पानी छोड़ा गया। तिघरा बांध की कुल क्षमता 740 फीट है। जो कि अब 2 फीट खाल रह गया है। मानसून ब्रेक नहीं आया, बारिश के दिन बढ़े ^इस बार मानसून सिस्टम लगातार सक्रिय रहा। जिसके चलते बारिश के दिन ज्यादा रहे। पहली बार ऐसा हुआ है जब तीन माह के दौरान मानसून ब्रेक नहीं आया। -वेद प्रकाश सिंह, वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एक्सपर्ट: जानिए… ज्यादा बारिश से क्या हुआ असर स्वास्थ्य लगातार बारिश से नमी ज्यादा है। ऐसे मौसम में डेंगू, वायरल फीवर, अस्थमा, निमोनिया, सांस व त्वचा संबंधी मरीज बढ़े हैं। सितंबर के बाद ही स्वास्थ्य के हिसाब से मौसम बेहतर हो सकेगा। -डॉ.अजयपाल सिंह, मेडिसिन विशेषज् कृषि ^इस बार बारिश नियमित रूप से होती रही। इससे धान को अधिक फायदा हुआ है। ज्वार, बाजरा व अरहर को फायदा हुआ है। सब्जी वाली फसलों को भी ऐसी बारिश से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। -डॉ.राजसिंह, रिटायर्ड कृषि वैज्ञानिक पर्यावरण… पर्यावरण के लिहाज से यह बारिश फायदेमंद है। अच्छी बारिश से भू-जल स्तर ऊपर आया है। बांध भरने के करीब पहुंच गए हैं। ज्यादा बारिश से धूल जम गई है। इससे वायु शुद्ध हुई है। – डॉ. अनीश पांडेय, पर्यावरण विशेषज्ञ