सड़क, ब्रिज, फ्लाईओवर, सरकारी भवन और नहर आदि के निर्माण की जांच का काम प्रदेश में दो साल से अधिक समय से ठप है। इन निर्माणों की जांच के लिए पुरानी व्यवस्था को बदल कर एक काउंसिल बनाई गई। लेकिन मई 2022 में बनी यह काउंसिल केवल सात महीने यानी अप्रैल 2023 से अक्टूबर 2023 तक सक्रिय रही।
हालांकि, इस दौरान भी जो इंस्पेक्शन हुए उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और आगे भी कोई काम नहीं हो रहा है क्योंकि काउंसिल में डायरेक्टर जनरल का पद विधानसभा चुनाव के समय से खाली है। कोई कार्रवाई नहीं कर पाई काउंसिल सरकारी निर्माणों की क्वालिटी की जांच के लिए 1972 में चीफ टेक्निकल एक्जामिनर (सीटीई) की स्थापना की थी। सरकार ने मई 2022 में सीटीई को भंग कर वर्क क्वालिटी काउंसिल में बदल दिया। काउंसिल कामकाज शुरू ही नहीं कर पाई और जनवरी 2023 में डायरेक्टर जनरल (डीजी) का पद स्वीकृत किया गया। मार्च के अंतिम सप्ताह में आईएएस अशोक शाह को डीजी बनाया गया। अक्टूबर में उनका तबादला हो गया। कुछ समय मनीष सिंह के पास डीजी का अतिरिक्त प्रभार रहा। लेकिन चुनाव आदि के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई। जनवरी 2024 में सिंह से प्रभार भी वापस ले लिया गया। ^वर्क क्वालिटी काउंसिल में डीजी की पदस्थापना करने के साथ ही हम इसे और सक्षम बनाएंगे। केंद्र की क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के कामकाज का अध्ययन कर रहे हैं।- संजय दुबे,प्रमुख सचिव, जीएडी