मेडिकल स्टडीज:थीसिस जमा कराए बिना भी मेडिकल पीजी छात्र फाइनल ईयर की परीक्षाओं के लिए होंगे पात्र

Uncategorized

नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के पोस्ट ग्रेजुएशन मेडिकल एजुकेशन बोर्ड ने पीजी स्टूडेंट्स के फाइनल ईयर की परीक्षा में बैठने की पात्रता में बदलाव किया है। अब फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स बिना थीसिस जमा कराए भी परीक्षा दे सकेंगे। परीक्षा में बैठने के लिए उन्हें अपनी हैड ऑफ डिपार्टमेंट की अनुमति नहीं लेनी होगी। इससे पहले फाइनल ईयर की परीक्षाओं से पहले थीसिस जमा करवाना अनिवार्य था। इस बात को लेकर पीजी मेडिकल स्टूडेंट्स ने अपनी बात भी बोर्ड के समक्ष रखी थी। नेशनल मेडिकल कमीशन ने 13 जून को एक पत्र लिखकर सभी मेडिकल कॉलेजों से 31 दिसंबर 2024 से पहले फाइनल एग्जाम पूरा करवाने की बात कही थी, लेकिन तब तक छात्रों को अब तक रिसर्च वर्क पूरा नहीं हो पाता। ऐसे में छात्र इस डेडलाइन का विरोध कर रहे थे। पुराने नियम के अनुसार थीसिस पूरी नहीं होने पर वे परीक्षा से वंचित रह जाते। इसके बाद 31 जुलाई को आयोजित ऑनलाइन मीटिंग में कई मेडिकल यूनिवर्सिटीज ने स्टूडेंट्स की दिक्कत को मेडिकल एजुकेशन बोर्ड के सामने रखा थी। अब बोर्ड ने स्थिति को स्पष्ट कर दिया है।
हाल ही में एनएमसी की ओर से जारी एक सर्कुलर में यह स्पष्ट किया है कि अब फाइनल परीक्षाओं को 31 जनवरी 2025 तक पूरा करना होगा। समय पर पूरा नहीं हो रहा है शेड्यूल
इंजीनियरिंग काॅलेजों का परीक्षाओं को शेड्यूल अब समय पर आ गया है। एंट्रेंस एग्जाम भी समय पर हो रहे है। लेकिन मेडिकल की परीक्षाओं में एंट्रेंस से लेकर कॉलेज एग्जाम अभी तक पटरी में नहीं आ पाए हैं। इसी वजह से कॉलेज संचालन व क्लासेज समय पर लगने में दिक्कतें आ रही हैं। देरी का असर पूरे करिअर पर यूजी से लेकर पीजी का सेशन लेट होने का असर डाॅक्टर्स से पूरे करिअर पर आ रहा है। यूजी लेट होने पर पीजी में एडमिशन देरी से मिल रहा है। पीजी पूरा करने में देरी होने से एसएस में दाखिला लेट मिलता है। वहीं एसएस की प्रैक्टिस भी टाइम पर शुरू नहीं हो पाती है।