अब रेरा पर तकरार:रेरा चेयरमैन के खिलाफ पीई दर्ज होने के बाद भिड़ी दो एजेंसियां

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रेरा सचिव का पत्र
रेरा के चेयरमैन, सदस्य और अफसर-कर्मचारियों पर नहीं हो सकती विधिक कार्यवाही ईओडब्ल्यू का जवाब
चेयरमैन के खिलाफ शिकायत भर्ती के संबंध में थी… हम तो भ्रष्टाचार की जांच कर रहे हैं मध्य प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) के चेयरमैन अजीत प्रकाश श्रीवास्तव के खिलाफ प्राथमिक जांच (पीई) दर्ज करने का मामला गर्मा गया है। मामले में दो एजेंसियां आमने-सामने आ गई हैं। गुरुवार को रेरा के सचिव डीवी सिंह ने डीजी ईओडब्ल्यू को पत्र लिखकर कहा कि रेरा के खिलाफ वे जांच नहीं कर सकते। पत्र में चार बिंदु शामिल किए गए हैं, जो रेरा एक्ट और इसके तहत चेयरमैन के अधिकार को विस्तारित करते हैं। रेरा एक्ट की धारा-90 के उपबंध का हवाला देते हुए पत्र का अहम बिंदु ये भी है कि प्राधिकरण में नियुक्त अध्यक्ष, सदस्य व अन्य अफसर-कर्मचारियों के खिलाफ कोई वाद, अभियोजन या विधिक कार्यवाही नहीं हो सकती है। पत्र में कहा गया है कि प्राधिकरण में पदस्थ होने वाले न्याय निर्णायक अधिकारियों की नियुक्ति संबंधी प्रावधान रेरा अधिनियम की धारा-71 में किए गए हैं। हालांकि, डीजी ईओडब्ल्यू का कहना है कि रेरा चेयरमैन के खिलाफ मिली शिकायत भर्ती के संबंध में थी, न कि रेरा एक्ट के प्रावधानों में की गई कार्रवाई के संबंध में।ईडब्ल्यूओ का कहना है कि वे तो भ्रष्टाचार की जांच कर रहे हैं। इस पत्र में लिखा गया है कि मेसर्स एजी-8 वेंचर्स प्रा.लि. द्वारा आकृति अक्वा सिटी परियोजना के पंजीयन का रिवोकेशन करने के लिए मप्र हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसे उच्च न्यायालय द्वारा 11 मई 2022 को प्रारंभिक स्तर पर ही निरस्त किया था। वहीं मे. एजी-8 वेंचर्स प्रा.लि. की अन्य 10 परियोजनाओं के संबंध में प्राधिकरण द्वारा पारित प्रतिबंधात्मक आदेशों के विरुद्ध मे. एजी- 8 वेंचर्स प्रा.लि. मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में 10 याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनका निराकरण प्रारंभिक स्तर पर ही निरस्त किया था। इसके अलावा प्राधिकरण में राज्य शासन के अधिकारी-कर्मचारियों की सेवाएं प्रतिनियुक्ति पर प्राप्त करने के संबंध में रेरा अधिनियम की धारा-28 में प्रावधान किए गए हैं। जिससे स्पष्ट है कि प्राधिकरण में न्याय निर्णायक अधिकारियों की नियुक्ति प्राधिकरण द्वारा ही की जाएगी और नियुक्ति प्रक्रिया में केवल राज्य शासन का परामर्श प्राप्त किया जाएगा। राज्य शासन को अधिकार होते हैं, हमारी जांच अलग है
^पत्र आया है, जिसका परीक्षण करवा रहे हैं। रेरा चेयरमैन के खिलाफ मिली शिकायत भर्ती के संबंध में थी, न कि रेरा एक्ट के प्रावधानों में की गई कार्रवाई के संबंध में। इसमें राज्य शासन को अधिकार होते हैं। हम अलग जांच कर रहे हैं। शिकायत रेरा के प्रावधानों की नहीं है। फिर भी हम दोनों ही बिंदुओं को एक्जामिन कराने के बाद ही आगे कुछ कह पाएंगे। – अजय शर्मा, डीजी ईओडब्ल्यू