कोलकाता दुष्कर्म कांड को 20 दिन बीत चुके हैं। लेकिन इतने दिन बाद मध्य प्रदेश शासन को अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था की ऐसी चिंता हुई कि गुरुवार को मुख्य सचिव वीरा राणा ने 2 घंटे के शॉर्ट नोटिस पर सभी अफसरों को तलब कर लिया। उन्होंने सभी संभागायुक्त, कलेक्टर और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की और अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के निर्देश दिए। यही नहीं, बैठक के 2 घंटे के भीतर ही स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कॉलेजों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक हर स्तर के अस्पतालों में सुरक्षा और हिंसा रोकथाम के लिए दो अलग-अलग समितियां बनाने के आदेश भी जारी कर दिए। जेपी… 1800 की ओपीडी, सिर्फ 14 गार्ड; कई जगह अंधेरा बैठक के कुछ घंटों के भीतर ही भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह देर रात 10 बजे अस्पतालों के दौरे पर निकले। उन्हें जिला अस्पताल जेपी में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं मिले। यहां वॉशरूम और उसके रास्ते पर लाइट ही नहीं मिली। पीछे वाला हिस्सा पूरी तरह अंधेरे में डूबा रहता है। यहां 1800 की ओपीडी है, पर सिर्फ 14 गार्ड के भरोसे पूरी सुरक्षा व्यवस्था है। हमीदिया में भी मुख्य गेट के अंदर कई जगह लाइट कम मिली। दो समितियां… एक सुरक्षा देगी, एक हिंसा की रोकथाम इन समितियों में संभागायुक्त, कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर, आईजी और एसपी होंगे। एक समिति अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए काम करेगी, जबकि दूसरी हिंसा की रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करेगी। सीएस ने कहा कि जिला अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और नियमित सुरक्षा ऑडिट किया जाए।