खरगोन जिला अस्पताल के एसएनसीयू में 2 दिन के बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया। परिजन ने आरोप लगाया कि एसएनसीयू में ड्यूटी डॉ. प्रीति साठे ने बच्चे को भर्ती नहीं करने से उसकी मौत होने के आरोप लगाकर वार्ड के बाहर नवजात के पिता व अन्य परिजन ने ड्यूटी डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग को लेकर धरना दे दिया। पुलिस व नायब तहसीलदार महेंद्र सिंग ने स्थिति संभाली। सिविल सर्जन डॉ अमर सिंह चौहान ने जांच टीम बनाकर कार्रवाई का भरोसा दिया तब जाकर परिजन माने। गुरुवार 11 बजे बच्चे के शव का पीएम कर परिजन सौंप दिया। सिजेरियन डिलीवरी बाद क्रिटिकल था नवजात
मृतक बच्चे की दादी गायत्री पति महेश निवासी खलघाट ने बताया कि मेरी बहू 23 वर्षीय मनीषा पति अजय महिला वार्ड में भर्ती हुई थी। मंगलवार दोपहर 1 बजे उसे सीजेरियन डिलेवरी बाद लड़का हुआ। इसके बाद डॉक्टर्स ने उसे हमें दे दिया। वहीं, वार्ड के डॉक्टर्स ने एसएनसीयू में बच्चे को भर्ती करने के लिए भेजा। लेकिन वहां मना कर दिया। बुधवार रात बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर जब 8 बजे दाेबारा एसएनसीयू वार्ड में भर्ती करने गए तो ड्यूटी डॉक्टर ने हमें डेढ़ घंटे तक बाहर बैठाकर रखा। बार-बार बोलने पर भी जांच नहीं की। बाद में देखा ताे हमें कहने लगी आप मृत बच्चे को लाए हैं। हमें वार्ड से बाहर कर दिया। बच्चे की जान बच जाती। ड्यूटी डॉक्टर ने नहीं को बात
बच्चे के पिता अजय व परिजन डॉक्टर से बच्चे की मृत्यु का कारण को जानने की मांग को लेकर 4 घंटे तक एसएनसीयू के बाहर बैठे रहे। नायब तहसीलदार ने डॉक्टर को बुलवाकर बात की कोशिश की। लेकिन भीड़ देख वार्ड में लौट गई।