केला फसल पर किसानों को बीमा प्रीमियम का लाभ नहीं मिलता। ऐसे में हर साल सीएमवी वायरस के कारण केला फसल को नुकसान होता है। इधर, मौसम में लगातार बदलाव के कारण केला फसल को नुकसान पहुंच रहा है। केले के रोपे पर सीएमवी वायरस का अटैक हो गया है। इससे किसान खासे चिंतित हैं। क्षेत्र में कुछ किसानों को पौधे उखाड़ना पड़े हैं। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसानों को उचित सलाह दी जा रही है। वहीं कई किसानों ने वायरस से बचाने के लिए पौधों पर पनियां बांधी है, ताकि फसल को नुकसान न हो। लगातार केला फसल को नुकसान होने से किसानों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा रही है। किसानों द्वारा लगातार केला फसल पर बीमा का लाभ दिलाने की मांग की जा रही है, ताकि फसल नुकसानी होने पर पर्याप्त मुआवजा मिल सके। क्षेत्र में केली की रोप पर एक पखवाड़े से सीएमवी वायरस का असर बढ़ने से पत्ते पीले होकर काले दाग पड़ रहे हैं। इसके साथ ही पौधा नष्ट हो रहा है। किसानों द्वारा फसल को बचाने के लिए कई प्रकार की कीटनाशक व दवाई का छिड़काव किया जा रहा है, ताकि फसल बचा सके। बावजूद फसल में कोई सुधार नहीं होने के कारण खराब हुए रोपे को उखाड़कर खेत के बाहर फेंकना पड़ रहा है। इससे किसानों को हजारों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। 15 से 20 प्रतिशत नुकसान हुआ
नसीराबाद क्षेत्र के किसान डॉ देवेंद्र पाटीदार, भोजराज पाटिल, संदीप पाटिल, दिगंबर प्रजापति सहित अन्य किसानों ने बताया पिछले जून माह में केली फसल के रोपे पर सीएमवी वायरस दिन पर दिन बढ़ने से रोपे खराब होकर नष्ट हो रहे हैं। इस कारण किसानों का 15 से 20 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। किसान फसल को बचाने के लिए पौधों को पनियां बांधी है, ताकि आर्थिक नुकसान न हो। किसानों ने बताया एक साल में तीन बार आंधी तूफान के कारण केली फसल को नुकसान हुआ है। क्षेत्र में कई जगह आंधी तूफान के कारण केली फसल जमींदोज हुई थी। किसानों ने बताया तीन साल से लगातार केला फसल पर सीएमवी वायरस का असर अगस्त से 15 सितंबर तक रहता है। इसमें कई किसानों को हर साल केली फसल के रोपे खराब होने से हजारों रुपए का नुकसान होता है। किसान डॉ पाटीदार ने बताया क्षेत्र में किसानों द्वारा करीब पांच लाख केली के रोपे लगाए हैं। वायरस के कारण करीब 80 हजार रोपे नष्ट हो गए हैं। डॉ पाटीदार ने बताया इस साल जून महीने में 25 हजार केली के रोप लगाया है। इसमें से दो हजार रोप खराब हुआ है। पिछले साल भी वायरस के कारण पांच हजार रोप खराब होने पर फेंकना पड़े थे। किसान भोजराज पाटिल ने जून माह में केली के 17 हजार रोप लगाए थे। वायरस के कारण दो हजार रोपे खराब हो गए। इसी तरह निंबोला, नसीराबाद, बोरी खुर्द, बसाड़, चूलखान सहित अन्य जगह किसानों को सीएमवी वायरस के कारण भारी नुकसान हो रहा है। लगातार किसान फसल को बचाने में कई प्रकार की दवाइयों का छिड़काव कर रहे हैं। वहीं पौधे को प्लास्टिक की पन्नी लगाकर वायरस से बचाने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं कृषि वैज्ञानिक डॉ. कार्तिकेय सिंह ने कहा किसानों को उचित सलाह दी जा रही है। जो पौधे खराब नहीं हुए हैं उसे सुरक्षित रखने के लिए कहा जा रहा है। इसके लिए खराब पौधों को उससे दूर करने की सलाह दी गई है।