इंदौर में गोगा नवमी के दिन विश्व प्रसिद्ध साराफा चौपाटी को प्रशासन के बंद करवाने के निर्णय से समाज और व्यापारी वर्ग ने असंतुष्टि जताई है। रात्रिकालीन सराफा व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन ने भले ही सुरक्षा के मद्दे नजर चौपाटी को आपसी सहमति से बंद करवाया लेकिन यह उचित नहीं हैं। इसके लिए प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्था करना चाहिए। यह है पूरा मामला दरअसल, मंगलवार को गोगा नवमी के जुलूस के चलते प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से देर रात लगने वाली सराफा चौपाटी को बंद रखने के लिए प्रस्ताव रखा था। जिस पर सभी व्यापारियों ने व्यवस्था को देखते हुए सहमति जताई। लेकिन बावजूद इसके उनकी मांग है कि किसी भी कार्यक्रम में भीड़ होने पर चौपाटी को बंद करना समाधान नहीं है। प्रशासन को यहां की भीड़ और दुकानदारों के लिए स्थायी समाधान खोजना चाहिए। वहीं वाल्मीकि समाज भी इस व्यवस्था से सहमत नहीं हैं। चौपाटी बंद करना स्थायी समाधान नहीं रात्रिकालीन सराफा चाट चौपाटी के अध्यक्ष राम गुप्ता ने कहा कि प्रशासन ने गोगा नवमी में सुरक्षा के लिहाज से हमसे सहयोग मांगा था। उस लिहाज से बंद का निर्णय लिया गया। लेकिन हमें इस बात का दुख है कि जो समाज साल भार शहर के लिए दिन रात मेहनत करता है उसके विशेष पर्व पर सराफा चौपाटी को बंद करना पड़ा। इसकी मुख्य वजह है सराफा चौपाटी में लगातार दुकानों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिस पर प्रशासन का कोई कंट्रोल नहीं हैं। चौपाटी के रजिट्रर्ड 80 मेंबर के अलावा जिस तरह से लगातार वेडरों की संख्या बढ़ रही है उस कारण अव्यवस्था की स्थित बनती है। प्रशासन को इन्हें किसी दूसरे स्थान पर शिप्ट करना है चाहिए। सराफा शहर की परंपरा, प्रशासन को विकल्प देखना चाहिए कल सुरक्षा के लिहाज से प्रशासन ने दुकानें बंद रखने की बात कही थी। व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए चौपाटी को बंद करने की जगह यहां बढ़ रही दुकानों पर कंट्रोल लगाना होगा। पहले हर दो दुकानों के बीच बैठकर खाने पीने की जगह हुआ करती थी। लेकिन अब स्थित यह है कि लोगों के खड़े होने तक की व्यवस्था नहीं हैं। प्रशासन को पुश्तैनी और पुरानी व्यवस्था को यथावत करना चाहिए- बंटी यादव, सचिव रात्रिकालीन सराफा चौपाटी अगर व्यवस्था नहीं बनी तो आगे के त्योहारों में होगी समस्या आपसी बातचीत के बाद व्यवस्थाएं बनी रहे इस लिए ऐसा निर्णय लेना पड़ा। पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी बड़े पर्व पर सराफा चौपाटी बंद रखनी पड़े। हमारी मांग है कि चौपाटी को पुरानी व्यवस्था पर वापस लाया जाए। शहर की छवि चौपाटी से भी दिखाई देती है। प्रशासन सख्त एक्शन लेकर यहां बिगड़ रही व्यवस्था को ठीक करे।- भवेश सोमानी, व्यापारी सराफा चौपाटी सुरक्षा के चलते चौपाटी बंद की सूचना दी थी एहतियात के तौर पर पुलिस बाजार को बंद कराती है। जुलूस के दौरान कुछ उपद्रवी लोग इसमें शामिल होकर विवाद की स्थिति उत्पन्न करते हैं। लीलाधर करोसिया, अध्यक्ष बाल्मीकी युवा संगठन