घोड़ाडोंगरी के मालवीय भवन में 28 अगस्त को शाम 7:30 बजे से हरिशंकर परसाई की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक विशेष नाट्य प्रस्तुति का आयोजन किया गया। यह आयोजन आदिम कल्चरल एंड वेलफेयर सोसाइटी द्वारा संगीत नाटक अकादमी के सहयोग से आयोजित दस दिवसीय प्रस्तुति परक नाट्य कार्यशाला के समापन के अवसर पर किया गया। समारोह की शुरुआत पूर्वरंग के रूप में जमुना काजले द्वारा बैतूल के लोकनृत्य से हुई, जिसने समापन के इस आयोजन को और भी खास बना दिया। इसके बाद मंच पर परसाई का संसार नाटक प्रस्तुत किया गया, जो हरिशंकर परसाई के साहित्य को समर्पित था। दर्शकों ने इस नाट्य प्रस्तुति का भरपूर आनंद लिया और परसाई के व्यंग्यात्मक साहित्य की जीवंतता को मंच पर महसूस किया। इस विशेष अवसर पर कलाकारों ने परसाई की लेखनी को अपने अभिनय के माध्यम से जीवंत किया, जिससे हरिशंकर परसाई की यादें और भी ताजा हो गईं। दर्शकों ने नाटक का आनंद लिया और परसाई के साहित्य के गहरे अर्थों को भी समझा। इस आयोजन ने स्थानीय कला प्रेमियों और साहित्यकारों के दिलों में एक खास जगह बनाई, जो लंबे समय तक यादगार बनी रहेगी।