पुणे के सुप्रसिद्ध राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता दिग्दर्शक एवं लोकप्रिय संगीतकार डॉ. सलिल कुलकर्णी अपने समूह के साथ आगामी 1 सितंबर को सायं. 5 बजे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय सभागृह, खंडवा रोड, इंदौर में कार्यक्रम ”कवितेचं गाण होतांना” की प्रस्तुति देंगे। कार्यक्रम सभी रसिक श्रोताओं के लिए निःशुल्क एवं खुला है। सानंद न्यास के अध्यक्ष जयंत भिसे एवं मानद सचिव संजीव वावीकर ने बताया कि ”कवितेचं गाणं होतांना” कार्यक्रम एक संगीतकार के मन का कविता का प्रवास एवं गीतों का सुंदर प्रस्तुतिकरण है। कार्यक्रम में डॉ. सलिल कुलकर्णी ने संत तुकराम, एकनाथ महाराज, रामदास स्वामी, स्वातंत्र्यवीर सावरकर से लेकर भा. रा. तांबे, बा. भ. बोरकर, विंदा करंदीकर, मंगेश पाडगांवकर, सुरेश भट, शांता शेळके, सुधीर मोघे एवं वर्तमान के संदीप खरे, समीर सामंत तक अनेक शब्द रचनाओं को लयबद्ध कर सुंदर पद्धति से गीतों को श्रृंखला में पिरोया है। 25 वर्षों में विश्व के प्रत्येक मराठी परिवार में, मराठी मन में अपनी विशेष पहचान बनाने वाले डॉ. कुलकर्णी बालगीत, अभंग, चित्रपट गीत अभिजात कविताओं से गीतों तक विविध प्रकार को रचना रंगमंच, टीव, चित्रपट एवं सोशल मीडिया पर प्रस्तुत कर रहे हैं। संगीतकार के रूप में 700 से अधिक गीत, 40 अल्बम्स एवं 30 चित्रपट गीत प्रस्तुत कर अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार आपने प्राप्त किए हैं। भारतरत्न लता दीदी मंगेशकर ने आपके द्वारा संगीतबद्ध की रचना को स्वर देना अपने आप में एक सम्मान है। आपके मराठी चित्रपट एकदा काय झालं को इस वर्ष का राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है। वर्तमान में वे टीवी पर संगीत स्पर्धा के निर्णायक एवं संगीत शिक्षक के रूप में युवाओंं को गढ़ने का कार्य भी कर रहे हैं। कार्यक्रम में उनका साथ देने वाले कलाकार हैं- शुभंकर कुलकर्णी, सन्मिता धापटे-शिंदे, आसावरी देशपांडे, आदित्य आठल्ये, डॉ. राजेंद्र दूरकर, राधिका अंतुरकर। कार्यक्रम कवितेचं गाण होतांना 1 सितंबर को सायं 5 बजे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय सभागृह खंडवा रोड, इंदौर में होगा।