स्कूलों में नहीं चलेगा यस सर, यस मैडम:अटेंडेंस के समय कहना होगा जय हिंद, यह मेरा बयान नहीं, आदेश है- मंत्री विजय शाह

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रतलाम जिला प्रभारी मंत्री बनने के बाद पहली बार रतलाम आए प्रदेश के जनजाति कार्य विभाग लोक परीसंपत्ति प्रबंधन एवं भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. विजय शाह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में अटेंडेंस के समय यस सर, यस मैडम नहीं चलेगा। जय हिंद बोलना होगा। जय हिंद बोलने से देश भक्ति का जज्बा पैदा होता है। यस सर, यस मैडम बोलने से क्या होता है। जय हिंद बोलने का मेरा बयान नहीं है यह आदेश है। हम बयान नहीं देते। आदेश देते है। मंत्री शाह बुधवार को रतलाम आए। सर्किट हाउस पर जनप्रतिनिधियों व कार्यकर्ताओं से मिले। इसके बाद रांगोली गार्डन में बीजेपी पदाधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक में उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता ही भाजपा की नींव है। मंदिर मे जैसे कलश की पूजा होती है वैसे ही पार्टी मे कार्यकर्ताओं का सम्मान होना चाहिए। रतलाम जिले के प्रभारी मंत्री के रूप मे वे कार्यकर्ताओं का सम्मान रखने मे कोई कसर नहीं छोडेगे। कार्यकर्ताओं के चेहरों पर खुशी रहे। इनका सम्मान बना रहे है। इसका प्रयास हम सब मिलकर करेंगे। तत्काल आदेश कर दिए मंत्री विजय शाह ने कहा कि स्कूलों में जय हिंद बोलने के तुरंत आदेश कर दिए है। जिले में कलेक्टर इसका पालन कराएंगे। कक्षा 1 से 12वीं तक प्राइवेट व सरकारी स्कूलों में सभी जनगण मन होना अनिवार्य है। बच्चे स्कूल में रोटेशन से बैठेंगे। पहली से पांचवी तक झंडावंदन की अनिवार्यता रहेगी। जय हिंद व रोटेशन पहली क्लास से होगा। रतलाम में खुलेगी मंत्री खिड़की शाह ने यह भी कहा कि प्रभारी मंत्री से कई आम लोगों की भी अपैक्षा रहती है। इसलिए रतलाम व झाबुआ जिले में कलेक्टर कार्यालय में प्रभारी मंत्री खिड़की खोलेंगे। जो कि हेल्प डेस्क के रुप में रहेगी। जिला प्रशासन का एक बाबू वहां सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक प्रतिदिन बैठेगा। प्रभारी मंत्री के नाम से आने वाले समस्याओं से जुड़े आवेदन वहां पर लिए जाएंगे। प्रत्येक सोमवार की टीएल बैठक में कलेक्टर आवेदनों की मॉनीटरिंग करेंगे। भोपाल लायक होगा तो कलेक्टर की जिम्मेदारी रहेगी कि आवेदन वहां भेजा जाए। हर माह जब भी आउंगा तब मंत्री खिड़की पर आए आवेदन के बारे में क्या कार्रवाई हुई जानकारी ली जाएगी। बता दे कि मंत्री शाह झाबुआ जिले के भी प्रभारी मंत्री है। प्रभारी मंत्री की खिड़की खोलने की शुरूआत प्रदेश में सबसे रतलाम से की जा रही है। अलग से एक मोबाइल नंबर भी जारी किए जाएंगे। मंत्री शाह ने यह बताया कि वह माह में एक बार रतलाम आएंगे। जिला मुख्यालय पर रात नहीं रुकते ही विकासखंड में सभी अधिकारियों के साथ रात रुकेंगे। ताकि वहां की समस्याओं का जाना जा सके। मंत्री शाह ने कहा कि विभागीय बैठक में रतलाम को संभाग बनाने को लेकर भी चर्चा की। रतलाम को संभाग बनाने के लिए काफी संभावनाएं है। इसको लेकर जल्द निर्णय लेंगे। अचानक पहुंच कर स्कूलों में करेंगे भोजन मंत्री शाह के पैर में घुटने का ऑपरेशन हुआ था। इस कारण वह रतलाम की कन्या शिक्षा परिसर नहीं पहुंच पाए तो छात्राओं को कलेक्टर ऑफिस में मिलने बुलाया। छात्राओं से भोजन से लेकर अन्य व्यवस्थाओं व कमियों के बारे में पूछा। एसी ट्रायबल को भी छात्राओं के सामने बुलाया। जिले में छात्रावासों व विभाग के स्कूलों की संख्या पहुंची। एसी ट्रायबल को कहा कि हर माह आउंगा। स्कूल व छात्रावास में ही बिना बताए कलेक्टर को साथ लेकर भोजन करुंगा। किसी कार्यकर्ता के घर नहीं भोजन नहीं करुंगा। बिना प्रोटोकाल के पहुंच गए नेता मंत्री शाह ने कलेक्टोरेट में विभागीय बैठक ली। बैठक में कई ऐसे नेता भी पहुंच गए। जिनकी बैठक में उपस्थिति नहीं होना थी। प्रोटोकाल के अनुसार टेबल पर हर एक बैठने की नेम प्लेट लगाई। लेकिन कई नेता दूसरों की कुर्सियों पर बैठ गए। यहां तक अधिकारियों को भी कुर्सी नहीं मिली। भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय को भी कुर्सी नहीं मिली। तब वह नाराज भी हुए कहा कि क्या व्यवस्था है। तभी वह विधायकों के बीच बैठ रहे थे। तब मंत्री शाह ने कहा कि पहले विधायक, फिर जिला पंचायत अध्यक्ष के बाद। तब वह कुर्सी पर बैठे। जहां बीजेपी जिलाध्यक्ष के नाम की नेम प्लेट लगी थी, वहां जिला पंचायत अध्यक्ष के पति जाकर बैठ गए। बारी-बारी से जिले के कार्यों की समीक्षा की।