पूरे साल ‘गुड-डे’ कैटेगिरी में रहा भोपाल:PCB की मीटिंग हुई; राजधानी में चल रहा ‘नेशनल क्लीन एयर’ प्रोग्राम

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भोपाल पूरे साल ही ‘गुड-डे’ कैटेगिरी में रहा। ये पर्यावरण के नजरिये से बेहतर है। राजधानी ‘नेशनल क्लीन एयर’ प्रोग्राम में शामिल हैं। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल की बुधवार को मीटिंग हुई। इसमें यह जानकारी सामने दी गई। कमिश्नर संजीव सिंह को पीसीबी के अधिकारियों ने बताया कि भोपाल शहर में पर्यावरण की दृष्टि से वर्ष 2024 में अभी तक सभी दिन ‘गुड-डे’ रहे हैं। साल 2019 में 94%, वर्ष 2020 में 92%, वर्ष 2021 में 93%, वर्ष 2022 में 96% और वर्ष 2023 में 94% दिन पर्यावरण के मानकों की दृष्टि से ‘गुड-डे’ माने गए। कमिश्नर बोले- साल के बाकी दिनों में भी ऐसे ही प्रयास हो कमिश्नर सिंह ने कहा, साल के बाकी दिनों में भी ऐसे ही प्रयास हो कि शहर इसी कैटेगिरी में रहे। बैठक में प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय संचालक बृजेश शर्मा भी मौजूद थे। भोपाल-इंदौर समेत 7 शहर शामिल बैठक में बताया कि भारत सरकार के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने देश में ‘नेशनल क्लीन एयर’ प्रोग्राम चलाया है। जिसमें भोपाल सहित प्रदेश के इंदौर, सागर, देवास, उज्जैन, ग्वालियर एवं जबलपुर शहर शामिल हैं। अभियान में केंद्र सरकार ने वर्ष 2026 तक पर्यावरण मानक ‘पीएम10’ की सघनता में 40% कमी का लक्ष्य निर्धारित किया है। भोपाल में 7 जगहों पर वायु गुणवत्ता का आंकलन भोपाल शहर में वायु गुणवत्ता मानीटरिंग का आंकलन 7 स्थानों पर किया जा रहा है। जिनमें 4 स्थानों पर यह मूल्यांकन मैन्युअली और तीन स्थानों पर कन्टीन्यूअस आटोमेटेड स्टेशन के माध्यम से किया जा रहा है। बैठक में शहर में पर्यावरण सुधार के लिए ई-व्हीकल का इस्तेमाल बढ़ाए जाने, वाहनों के पीयूसी सर्टिफिकेट की जांच किए जाने, लेफ्ट टर्न की संख्या बढ़ाए जाने, निर्माणाधीन भवनों में ग्रीन नेट लगाए जाने, भवनों के मलबे आदि का निपटारा किए जाने, पलारी न जलाए जाने, शहर में संचालित कोयले/लकड़ी के तंदूरों को क्लीन फ्यूल में बदले जाने आदि सुझाव दिए गए। कमिश्नर सिंह ने सुझावों पर अमल के निर्देश संबंधितों को दिए। पर्यावरण सुधार के लिए भारत के स्वच्छतम शहरों की सक्सेस स्टोरी अध्ययन कर उसका अनुकरण किए जाने के निर्देश भी दिए गए।