जिले में अतिवर्षा से फसलें प्रभावित:मक्का खेत में बिछा, सोयाबीन में लगा पीला मोजेक; किसान कर रहे मुआवजे की मांग

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जिले में लगातार हुई बारिश से नदी-नाले और पुल-पुलिया उफान पर हैं। तेज बारिश से फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है। जिले में बारिश से सबसे ज्यादा पर प्रभावित क्षेत्र केवलारी, कुरई और सिवनी हैं। जिले में मुख्य रूप से मक्का और धान की फसल लगाई गई है। करीब 2 लाख हेक्टेयर में धान और करीब 1 लाख 80 हजार हेक्टेयर में मक्का लगाया गया है। जिसमें मक्के की फसल बारिश से अधिक प्रभावित हुई है। कही-कहीं पर मक्का पीला पड़ गया है। कहीं जड़ सड़न रोग हो गया है। जिससे मक्के की वृद्धि रुक गई है। तेज बारिश के कारण इस साल भीमगढ़ बांध के 4 गेट 2 बार खोले गए। बैनगंगा नदी पर बने मझगवां पुल, सुनवार पुल और कई पुल पुलियों के ऊपर से पानी बह रहा है। वहीं तालाब भी लबालब भरे हैं। पुल-पुलिया और रपटे में बहकर 6 लोगों की मौत हो चुकी है। केवलारी विकासखंड क्षेत्र के किसान प्रमोद राय, कृष्ण कुमार उइके, पप्पू ठाकुर सहित कई किसानों का कहना है कि फसलों को काफी नुकसान हुआ है और फसलों की वृद्धि कम हो गई है। लखनवाड़ा क्षेत्र के किसान करन बघेल, लकी बघेल, प्रमोद सिंह का कहना है कि मक्का पीला पड़ गया है। 1 दर्जन मकान हुए क्षतिग्रस्त जिलेभर में लगभग 1 दर्जन से अधिक कच्चे मकान गिर गए। जिसमें सिवनी मुख्यालय में स्थित मकान में दबने से नवीन सोनी नामक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। किसान मुआवजे की कर रहे मांग अतिवर्षा से जिले में हजारों हेक्टेयर में लगा मक्का चौपट होने की कगार में आ गया है। वहीं सोयाबीन, उड़द, मूंग में रोग फैल रहा है। लगातार वर्षा के कारण सड़न आने से खेतों में लगी फसल बर्बाद हो रही है। खराब होती फसल देखकर आहत किसान अब प्रशासन से मुआवजा मांग रहे हैं। किसानों का कहना है कि ऐसी स्थिति में बोवनी और मजदूरी की लागत निकालना भी मुश्किल हो जाएगा। जिले में अब तक 1129 मिलीमीटर हुई बारिश 1 जून से अब तक तक जिले में 1129 मिलीमीटर (45 इंच) बारिश हो चुकी है। जो सामान्य से 347 मिलीमीटर (14 इंच) अधिक है। इस अवधि तक 782. मिलीमीटर (3) इंच) वर्षा को जिले सामान्य वर्षा माना जाता है। खंड वर्षा से कुछ स्थानों में फसलों को ज्यादा नुकसान की बात कही जा रही है। जबकि कुछ स्थानों में मौसम साफ होने से फसल हानि कम है। कृषि अधिकारियों के अनुसार सर्वे के बाद स्पष्ट हो सकेगा कि अतिवर्षा से मक्का, सोयाबीन सहित दूसरी फसलों को जिले में कितनी हानि हुई है। छपारा क्षेत्र में बारिश से नुकसान बीते दिनों चमारीखुर्द उपतहसील क्षेत्र में आंधी-तूफान के साथ हुई तेज वर्षा से खेतों में मक्का फसल बिछ गई है। किसानों की मेहनत बेकार हो गई। किसानों के अनुसार बोवनी के दौरान मानसून देर से सक्रिय हुआ था। शुरूआत से ही फसल में फाल आर्मी वर्म कीट से मक्का को नुकसान हो रहा है। चमारी के किसान शिवराम सोनी, मुकेश चौबे, श्याम ठाकुर, हरि सिंह ठाकुर, राकेश ठाकुर, सत्येंद्र ठाकुर ने बताया कि पहले फसल सूख रही थी, अब ज्यादा वर्षा से तबाह हो रही है। कई खेतों में मक्का बिछ गया है। वर्षा के बीच फाल आर्मी वर्म का खतरा नहीं टला है, किसानों को सरकार मुआवजा दें। जड़ों से सड़ने लगा मक्का कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख और वरिष्ठ विज्ञानी डॉक्टर शेखर सिंह बघेल ने सिमरिया, पलारी और चावड़ी में लगी मक्का, सोयाबीन सहित धान के खेतों का भ्रमण किया। फसल में कीट-व्याधी का निदान के उपाय किसानों को बताए। उन्होंने बताया कि खरीफ की प्रमुख मक्का, धान, सोयाबीन, उडद और मूंग की फसल खेतों में लगी है। भ्रमण में पाया गया कि सोयाबीन, उड़द में फैला विषाणु जनित पीला मोजेक सोयाबीन, उड़द में विषाणु जनित पीला मोजेक रोग देखा जा रहा है। लगातार वर्षा के कारण मक्का फसल की बढ़त रूक गई है। आसमान में बादलों के छाए रहने और अतिवर्षों से मक्का पौधों की जड़ों में सड़न आने के साथ ही उसमें रोग फैल रहा है। किसान मौसम साफ होने पर मक्का सोयाबीन पर नैनो यूरिया और अन्य पोषक तत्वों का छिड़काव करें। खेतों में जल निकासी का उचित प्रबंधन करें ज्यादा वर्षा के बाद भी धान को नुकसान नहीं हुआ है। इमिडाक्लोपिड 17.3 एसएल या एसिटामिरिड को 100 ग्राम मात्रा को 150 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ के मान से छिड़काव कर सकते हैं। सोयाबीन में सेमीलूपर इल्ली, तंबाकू की इल्ली तथा चने को इल्ली का प्रकोप चल रहा है। इल्ली फूल को खा रही है। आवश्यकतानुसार इमामेक्टिन बेंजोएट 100 ग्राम या रैनेक्सोपायर 20 F प्रतिशत की 60 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ के मान से 150 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव कर सकते हैं। विज्ञानी डॉक्टर निखिल सिंह ने बताया कि मक्का में फाल आर्मी वर्म कीट को नियंत्रित करने स्पिनेटोरम 11.7: एससी 100 मिली या क्लोई ट्रेनेलिप्रोल एससी 18.5 80 मिली इमामेक्टिन बेज्जोएट 100 ग्राम और रैनेकसौच्चापर 20 प्रतिशत की 60 ग्राम्रति एकड़ को दर से 150 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें।