पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोयाबीन के भाव 13 साल में नहीं बढ़ने के कारण इसके दाम में वृद्धि की मांग प्रधानमंत्री और मुख्यमंंत्री से की है। मीडिया को जारी बयान में सिंह ने कहा है कि 2011 के बाद से सोयाबीन के भाव लगभग स्थिर हैं। इसलिए किसानों के हित में सोयाबीन के दाम ₹6000 प्रति क्विंटल किए जाने चाहिए ताकि देश और एमपी के किसानों को सोयाबीन की फसल का पूरा लाभ मिल सके। पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा है कि देश में लगभग 50% से अधिक सोयाबीन मध्यप्रदेश में पैदा की जाती है लेकिन सन 2011 से लेकर आज तक लागत दोगनी तिगुनी हो गई, लेकिन सोयाबीन का भाव जस का तस है। 4300 रुपए प्रति क्विंटल 2011 में था और अभी उसी के आस पास है। उन्होंने कहा कि सोयाबीन की फसल का भाव अंतर्राष्ट्रीय सोयाबीन के उत्पादन पर निर्भर करता है और इस साल जो संभावना है उसके अनुसार अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन का भाव इसी प्रकार का रहेगा जो अभी तक 4000, 4300 रुपए प्रति क्विंटल बिकता था, शायद वह भी न मिल सके। सिंह ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि चूंकि हमारे अधिकांश किसान खरीफ में सोयाबीन की फसल लेते हैं, इसलिए उसके उत्पादन की खरीद सरकार को अवश्य करना चाहिए। उन्होंने मांग की है कि इसका न्यूनतम भाव आज की लागत को देखते हुए लगभग ₹6000 क्विंटल से कम नहीं होना चाहिए। यही मध्यप्रदेश के 100% किसानों की डिमांड भी है, इस बात पर पीएम और सीएम पूरा ध्यान दें।