श्योपुर जिले में इस साल तेज बारिश हुई है। इन तीन जिलों में पिछले साल के मुकाबले अब तक ज्यादा पानी गिर चुका है। बारिश से कुछ फसलों को फायदा पहुंचा है तो कुछ को काफी नुकसान भी हुआ है। श्योपुर में अब तक औसतन 21 इंच बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन 40 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है। यानी करीब दोगुनी बारिश। पार्वती, सीप और अमराल नदी उफान पर रही। एक बच्चे समेत 4 लोगों की बहने से मौत हो गई। किसान नेता नाथूलाल मीणा का कहना है कि बारिश से धान को तो फायदा है लेकिन तिली, उड़द को नुकसान हुआ है। सरकार को सर्वे करवाने के बाद उचित मुआवजा देना चाहिए। सीप नदी का पुल डेढ़ महीने से डूबा सुंडी और सांढ गांव कई दिनों से टापू बने हुए हैं। सीप नदी अभी भी उफान पर है। करीब डेढ़ महीने से नदी पर बना रपटा डूबा हुआ है। मानपुर का ढोढर, बगधिया, हांसलपुर, बगदरी सहित तमाम गांवों से संपर्क अब भी कटा हुआ है। पुल-पुलिया पर से आवागमन बंद कर दिया गया है। डाबली, झरेर मार्ग पर पुलिया के पास सड़क कट गई है, इससे वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है। जिले में औसतन बारिश 822 एमएम है, लेकिन, इस बार 15 जून से लेकर बीते मंगलवार तक 1039.75 एमएम बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग ने श्योपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया है। पिछले चार साल के बारिश के आंकड़े किसान नेता राधेश्याम मूंड़ला ने बताया कि बारिश की वजह से मूंग, उड़द, तिल और सोयाबीन आदि फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इसे लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को कई बार ज्ञापन भी सौंपा गया। लेकिन, मुआवजा देना तो दूर नुकसान का सर्वे तक नहीं हुआ है। इससे किसान परेशान है। किसान नेता नाथूलाल मीणा ने बताया कि सरकार को नुकसान का मुआवजा देना चाहिए।