राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के मौके पर 10 सितंबर को जिले के सभी कृमि से प्रभावित बच्चों को कृमि नाशक एल्बेडॅाजाल टेबलेट दिया जाना है। जिसको लेकर बुधवार को कलेक्टर प्रवीण सिंह की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभाकक्ष मे बैठक आयोजित की गई। बैठक में बताया गया कि सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 10 सितंबर को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाएगा। जिले के 5 लाख 65 हजार 720 बच्चों को कृमि नाशन टेबलेट एल्बेडॉजाल खिलाई जाएगी। 1 से 19 वर्ष आयु के लक्षित सभी बच्चों, किशोर, किशोरियों, प्रजनन आयु वर्ग की महिलाओं को यह दवाएं दी जाएगी। अभियान के अंतर्गत आष्टा में 1 लाख 54 हजार 585, बुधनी में 60 हजार 283, इछावर 69 हजार 702, भैरूंदा में 94 हजार 592 और क्षेत्रों में 1 लाख 86 हजार 558 लक्षित बच्चों को कृमि नाशन की दवा खिलाई जाएगी। सीएमएचओ डॉ सुधीर कुमार डेहरिया ने बताया कि एल्वेंडॉजाल की गोली 1 से 02 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को 400 मि.ग्रा. की आधी गोली पानी के साथ खिलाई जाएगी। वहीं, 2 से 3 वर्ष आयु वर्ग और 3 से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों किशोर किशोरियों को एल्बेंडॉजाल की 400 मि.ग्रा.की पूरी गोली खिलाई जाएगी। क्या है कृमि कृमि एक ऐसी परजीवी हैं जो व्यक्ति के आंत में रहते हैं और जीवित रहने के लिए मानव शरीर के जरूरी पोषक तत्व को खाते हैं। जिसके कारण एनीमिया, कुपोषण, और मानसिक, और शारीरिक विकास में बाधा उत्पन्न होती हैं। संक्रमित बच्चे अक्सर बहुत थका या बीमार महसूस करते है। आंतों के कृमि संक्रमण से हर साल करोड़ों स्कूली बच्चों की शिक्षा का नुकसान होने का अनुमान है। व्यस्क होने पर आर्थिक विकास के लिए कृमि, गंभीर खतरे पैदा करते हैं। हुकवर्म के गंभीर संक्रमण से इंसान के आयु में 43 प्रतिशत तक की कमी आने का अनुमान है। कृमि नाशन से बच्चों में कृमि की व्यापकता में कमी लाई जा सकती है। इससे रोग प्रतिरोधक शक्ति में वृद्धि, स्वास्थ्य और पोषण में सुधार, एनीमिया का नियंत्रण, सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार, व्यस्क होने पर काम करने की क्षमता और आयु में बढ़ोत्तरी होती है