मंदसौर में मंगलवार को सकल वाल्मीकि समाज ने आराध्य भगवान गोगा देव नवमी पर चल समारोह निकाला। शहर के अलग-अलग स्थानों से छड़ी निशान शहर के गांधी चौराहे पर एकत्रित हुए। समाजजनों ने बताया कि करीब 50 वर्षों से नगर में यह आयोजन होता आ रहा है। गांधी चौराहे पर 9 छड़ियों का पूजन जनप्रतिनिधियों ने किया। इसके बाद उन्होंने समाजजनों को संबोधित भी किया। शहर भर के अलग-अलग स्थानों से आईं छड़ियों के साथ ढोल, डीजे, ताशे और आकर्षक विभिन्न झांकियों के साथ चल समारोह शहर के प्रमुख मागों से निकला। चल समारोह देर रात भगवान पशुपतिनाथ के शिवना तट पर पहुंचा। जहां कार्यक्रम का समापन किया गया। सवा माह की होती है गोगादेव जी की पूजा वाल्मीकि समाजजनों के अनुसार गोगा देव जी राजस्थान के जिला ददरेवा नगर में राज्य करते थे। जब दिल्ली के बादशाह ने आक्रमण किया तो सेनापति रतनसिंह चावरिया बहादुरी से लड़ते हुए शहीद युद्ध हो गए। युद्ध से गोगा जी वापस घर लौटे और सेनापति के घर पहुंचकर रतनसिंह की माता राम देवती को उनका बेटा बनकर रहने का वचन देते हुए कहा कि उनका निशान समाज में जो भी उठाएगा, उसकी हर मुराद पूरी होगी। निशान में गोगादेव जी हमेशा विराजमान रहेंगे इसके बाद से ही वाल्मीकि समाज सावन-भादौ सवा महीने तक श्रीगोगा देवजी का पूजन-अर्चना करता है। गोगा महाराज की जयंती पर वाल्मीकि समाज हर साल छड़ियों का चल समारोह निकालता है।