राष्ट्रीय शिक्षा नीति:यूजी ऑनर्स विथ रिसर्च कराने सभी प्रोफेसर्स को बनना होगा रिसर्च गाइड

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत प्रदेश के सरकारी कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में सत्र 2024-25 से अंडर ग्रेजुएट फोर्थ ईयर ऑनर्स विथ रिसर्च छात्रों को ऑफर किया गया है। वैसे इसमें चुनिंदा छात्र एडमिशन ले रहे हैं। लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी रिसर्च गाइड की पूर्ति के सत्र शुरू होने के लगभग दो महीने बाद कार्रवाई शुरू कर रहा है। दरअसल, कई ऐसे प्रोफेसर हैं जिनकी रिसर्च में रूचि नहीं है। इसलिए वे गाइड नहीं बनना चाहते हैं।
अब उच्च शिक्षा आयुक्त निशांत वरवड़े ने सभी यूनिवर्सिटी, क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक और प्राचार्यों को संबंधित यूनिवर्सिटी में आवेदन कराने को कहा है। जिन प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर के पास रिसर्च गाइड बनने की क्वालिफिकेशन हैं उन सभी फैकल्टी को 15 दिन में आवेदन करना होगा। वहीं सभी क्वालिफिकेशन रखने के बाद भी रिसर्च गाइड बनने के लिए आवेदन नहीं करने वाली फैकल्टी से इसका कारण पता किया जाएगा। 6 माह में प्राप्त करनी होगी क्वालिफिकेशन…
जिन फैकल्टी ने रिसर्च गाइड बनाने के लिए क्वालिफिकेशन अर्जित नहीं की है और उन्हें पीएचडी डिग्री प्राप्त किए हुए 5 साल हो गए हैं। उन्हें भी आवेदन करना होगा। ऐसी सभी फैकल्टी को 5 सादे पत्रों का प्रकाशन 6 माह में करना होगा। इसके बाद इन्हें भी रिसर्च गाइड बनने के लिए आवेदन करना होगा। रिसर्च गाइड बनाने के लिए विभाग स्तर पर हर 15 दिन में समीक्षा की जाएगी। इसलिए जारी करने पड़े निर्देश…
यूजी ऑनर्स विथ रिसर्च वही कॉलेज ऑफर कर सकता है जिसके पास संबंधित विषय में दो रिसर्च गाइड कॉलेज में उपलब्ध हैं। लेकिन कई कॉलेजों में विभिन्न विषयों में इस शर्त खरे नहीं उतर रहे हैं। ऐसे में विभाग को ये निर्देश जारी करने पड़ रहे हैं।