खुद की ऑटो चोरी करने का आरोप लगा:पुलिस मांग रही थी रुपए, झांसी रोड थाना क्षेत्र की घटना

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ग्वालियर में एक ऑटो चालक ने फांसी लगाकर जान दे दी है। घटना सोमवार रात झांसी रोड नाका चन्द्रवदनी गली नंबर-चार की है। मंगलवार को ऑटो चालक के शव का पोस्टमार्टम हुआ है। जिसके बाद परिजन ने सड़क पर शव रखकर ट्रैफिक जाम कर दिया। परिजन का आरोप है कि मृतक कमल कुशवाह को रेलवे पुलिस (RPF) प्रताड़ित कर रही थी। कुछ दिन पहले उसका ऑटो स्टेशन से चोरी हुआ था। जिसकी शिकायत पड़ाव थाना में की थी। दो दिन बाद आरपीएफ थाना के पास ऑटो मिला, जिसे पुलिस ने उसके सुपुर्द कर दिया। पर तीन दिन बाद आरपीएफ के जवान सवारी बनकर उसे स्टेशन तक लेकर पहुंचे और ऑटो जब्त कर लिया। रेलवे पुिलस ने कमल पर अपनी ही ऑटो चोरी कर इंश्योरेंस के रुपए हड़पने का आरोप लगाकर प्रताड़ित कर रहे थे। मृतक परिजन का कहना है कि रेलवे पुलिस 50 हजार रुपए मांग रही थी। बार-बार प्रताड़ना से तंग आकर उसने जान दी है। झांसी रोड थाना पुलिस ने जांच का आश्वासन देकर जाम को खुलवाया है। ऐसे समझिए पूरा मामला शहर के झांसी रोड थाना क्षेत्र के गली नंबर चार निवासी कमल पुत्र हरगोविन्द कुशवाह सोमवार को जन्माष्टमी के मौके पर बाजार से लौटा और अपने कमरे में चला गया। कुछ देर बाद जब परिजन कमरे में पहुंचे तो वह फांसी के फंदे से लटका हुआ था। उसने फांसी लगा ली थी। उसकी हालत देखकर परिजन ने शोर मचाया और उसकी नब्ज टटोली तो पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है। मामला समझ में आते ही पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच के बाद शव को निगरानी में लेकर डेड हाउस में रखवा दिया था। मंगलवार दोपहर कमल के शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। शव सड़क पर रखकर लगाया जाम, पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप मंगलवार शाम को कमल के शव को परिजन, स्थानीय लोगों ने नाका चन्द्रवदनी पर रखकर जाम लगा दिया। शव रखते और रास्तों को बंद करते ही चौराहा पर ट्रैफिक जाम लग गया। हंगामा की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला है। पुलिस ने मृतक के परिवार को समझाया, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थे। परिजन का अारोप था कि रेलवे पुलिस ने कमल को इतना प्रताड़ित किया कि उसने अपनी जान दे दी। परिजन का आरोप-रेलवे पुलिस प्रताड़ित कर रुपए मांग रही थी मृतक के परिजन ने बताया कि कमल ऑटो चलाता था। 9 अगस्त को उसकी ऑटो स्टेशन एरिया से चोरी हो गई थी। जिसकी सूचना और शिकायती आवेदन उसने पड़ाव थाना में दिया था। पुलिस ने उससे कहा था कि दो दिन देख लो ऑटो नहीं मिलती है तो चोरी का मामला दर्ज किया जाएगा। पर ठीक दो दिन बाद कमल को ही उसकी ऑटो आरपीएफ थाना के पास खड़ी दिखी थी। जिस पर उसने पड़ाव थाना पुलिस को सूचना दी थी। पुलिस ने ऑटो को लेकर कमल के सुपुर्द किया था। ऑटो मिलने के तीन दिन बाद रेलवे पुलिस कमल के पास सवारी बनकर पहुंची और स्टेशन तक ऑटो बुक किया। स्टेशन आरपीएफ थाना के सामने पहुंचकर कमल से ऑटो लेकर उसे थाने लेजाकर मा रपीट की है। रेलवे पुलिस आरोप लगा रही थी कि उसने ही अपनी ऑटो चोरी का षड़यंत्र रचा है। रेलवे पुलिस के जवानों ने मामला सुलझाने के लिए 50 हजार रुपए की मांग की। फिर 20 हजार रुपए पर आ गए। पर कमल के पास रुपए नहीं थे। पुलिस उसे प्रताड़ित कर रही थी। जिससे तंग आकर उसने यह कदम उठाया। रिश्तेदार बोला पुलिस वालों ने धमकाया,डर के कारण लगाई फांसी मृतक ऑटो चालक कमल कुशवाहा के रिश्तेदार ओपी उपमन्यु ने बताया कि कमल की ऑटो रेलवे स्टेशन से चोरी हुई थी, जिसकी रिपोर्ट उसने संबंधित थाने में दर्ज कराई थी, एक दिन बाद ऑटो मिल भी गया था। लेकिन पुलिस वाले ऑटो छोड़ने के बदले उससे पैसों की डिमांड कर रहे थे, पैसे नहीं देने पर उसे पर झूठी चोरी की शिकायत भी दर्ज करने की धमकी दे रहे थे। पुलिस वालों के धमाका के कारण उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। CSP बोली आर्थिक सहायता दिलवा ने का आश्वासन देकर चक्का जाम खुलवा दिया है झांसी रोड सर्किल की सीएसपी हिना खान ने बताया कि एक दिन पहले एक ऑटो चालक ने किसी कारणवश फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, पोस्टमार्टम करने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया था। लेकिन परिजनों ने मृतक के शव को चौराहे पर रखकर चक्काजाम कर दिया था, सूचना मिलने पर जिला प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची थी। जहां परिजन की कुछ मांग थी, उनकी मांगों का आवेदन लेकर उन्हें आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया है। शासन से जो भी सहायता होगी उन्हें दिलवाई जाएगी। फिलहाल परिजनों संतुष्ट होकर चक्का जाम खोल दिया है। आरपीएफ प्रभारी बोले परिजन झूठा आरोप लगा रहे हैं मृतक ऑटो चालक के परिजनों के आरोप लगाने को लेकर आरपीएफ थाना प्रभारी संजय आर्य का कहना है कि ऑटो चालक का ऑटो 9 अगस्त को चोरी हो गया था। 10 तारीख को उसके ऑटो को इश्तियात नाम के चोर से बरामद कर लिया था। ऑटो चालक अपना ऑटो लेने थाने पर आया था,सरकारी छुट्टी होने के कारण कोर्ट बंद था। इस लिए उसे कोर्ट खुलने के बाद ऑटो देने के लिए कहा था। उसे ऑटो कोर्ट से ही मिलना था, उसके परिजन जो आरोप लगा रहे हैं वह सरासर झूठ है। उससे कोई भी पैसा नहीं मांगा गया है।