इंदौर के वरिष्ठ समाजसेवी मोहनलाल सोनी का निधन:20 हजार से अधिक दिवंगतों की अस्थियां पवित्र नदियों में प्रवाहित की, नि:शुल्क तर्पण अनुष्ठान भी कराए

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अनेक वर्षों से शहर के मुक्तिधामों पर पहुंचकर ज्ञात-अज्ञात दिवंगतों की अस्थियों को एकत्र कर उन्हें शास्त्रोक्त विधि से देश की पवित्र नदियों में प्रवाहित करने और श्राद्ध पक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए नि:शुल्क तर्पण अनुष्ठान करने समाजसेवी मोहनलाल सोनी का मंगलवार सुबह निधन हो गया। वे 95 वर्ष के थे। सोनी शहर की विभिन्न धार्मिक, सामाजिक गतिविधियों में भी अग्रणी रहते थे। उनकी अंतिम यात्रा पुराने आरटीओ रोड स्थित इंदिरा गांधी नगर निवास से पंचकुइया मोक्षधाम पहुंची, जहां अनेक प्रमुख समाजसेवी बंधुओं ने उनकी सेवाओं को शिद्दत से याद करते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन समर्पित किए। मूलतः हाटपीपल्या के रहने वाले मोहनलाल सोनी अपने क्षेत्र में माडसाब के नाम भी से लोकप्रिय रहे। जीवन पर्यंत उन्होंने बिजासन रोड स्थित अखंडधाम आश्रम के प्रचार मंत्री और न्यासी के रूप में भी निरंतर सेवाएं प्रदान की। करीब 20 वर्ष पहले उन्होंने श्रद्धा सुमन सेवा समिति की स्थापना की और ज्ञात-अज्ञात दिवंगतों की अस्थियों को एकत्र कर उन्हें शास्त्रोक्त विधि से पवित्र नदियों प्रवाहित करने का अभियान चलाया। अब तक उन्होंने अपनी समिति के माध्यम से 20 हजार दिवंगतों की अस्थियों को देश की सभी प्रमुख नदियों में प्रवाहित किया है। इसके साथ ही प्रति वर्ष श्राद्ध पक्ष में नि:शुल्क तर्पण अनुष्ठान का आयोजन भी उनकी उपलब्धियों में शामिल हैं, जहां पूरी तरह से नि:शुल्क व्यवस्था कर प्रत्येक साधक के लिए तर्पण की व्यवस्था की जाती रही है। इस बार भी श्राद्ध पक्ष में एरोड्रम रोड स्थित हंसदास मठ पर यह अनुष्ठान होगा। पंचकुइया मोक्षधाम पर उन्हें श्रद्धा सुमन समर्पित करने के लिए अखंड धाम के संत स्वामी राजानंद, हंसदास मठ के युवराज महामंडलेश्वर पवनदास महाराज, समाजसेवी हरि अग्रवाल, विनय जैन, मुरलीधर धामानी, डॉ. चेतन सेठिया, हरि अग्रवाल, जगमोहन वर्मा, सेवा सुरभि के संयोजक ओमप्रकाश नरेडा, अग्रवाल समाज के राजेश कुंजीलाल गोयल सहित बड़ी संख्या में स्नेहीजन ने शामिल होकर श्रद्धांजलि अर्पित की। स्वर्णकार समाज की ओर से भी विभिन्न संगठनों और व्यक्तियों ने शोकसभा में श्रद्धांजलि अर्पित की। उनकी अंतिम यात्रा को इंदिरा गांधी नगर से फूलों से सज्जित खुले ट्रक में रखकर पहले उनके द्वारा मालगंज चौराहे पर स्थापित आदर्श विद्या भवन स्कूल ले जाया गया और वहां से पंचकुइया मोक्षधाम जहां उनके ज्येष्ठ पुत्र राजेन्द्र सोनी ने मुखाग्नि दी।