मुरैना जिले में अब तक सामान्य बारिश दर्ज हुई है, जो औसत से कम है। सबसे अधिक जौरा क्षेत्र और सबसे कम बारिश अंबाह क्षेत्र में हुई है। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि अभी सितंबर का महीना बाकी है। ऐसे में बारिश के लिए एक महीना और है। अगर इस महीने में अच्छी बारिश हो जाती है तो मुरैना जिले के किसानों के लिए यह शुभ संकेत है। मुरैना जिले में इस बार सामान्य बारिश हुई है। जिसका असर फसलों पर होगा। इस बात को लेकर जिले के किसान चिंतित है। हालांकि, नदियों में पर्याप्त पानी है। चंबल और कुंवारी आसन नदी का जलस्तर निरंतर बढ़ रहा है, लेकिन पानी कोटा बैराज बांध से पानी छोड़े जाने के कारण इन नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, लेकिन अगर बारिश की नजर से देखा जाए तो उसे स्तर की बारिश अभी नहीं हुई है। मुरैना जिले में 268.2 मिलीमीटर बारिश मुरैना जिले में अभी तक 268.02 मिलीमीटर बारिश हुई है। यह स्थिति 27 अगस्त 2024 तक की है। सबसे अधिक बारिश जौरा क्षेत्र में हुई है। यहां पर 776 मिली मीटर बारिश हुई है। सबसे कम अंबाह क्षेत्र में 337 मिली मीटर बारिश हुई है। मुरैना विधानसभा में 668 मिली मीटर बारिश हुई है। पोरसा में 637 मिलीमीटर बारिश हुई है। कैलारस में 605 मिलीमीटर बारिश हुई है। सबलगढ़ में 524 मिमी बारिश हुई है। अगर पूरे मुरैना जिले की औसत बारिश दर्ज की जाए तो अभी तक कल 268.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। पूरे जिले में इस साल की 1 जून 2024 से लेकर 28 अगस्त 2024 तक कुल 587.9 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई है। जबकि मुरैना जिले का वार्षिक औसत बारिश का स्तर 706 मिमी है। जिले में औसत बारिश का स्तर 647.7 मिमी कृषि विज्ञान केंद्र मुरैना के वैज्ञानिक ब्रजराज सिंह कंसाना ने बताया- मुरैना जिले में खरीफ फसल का वार्षिक औसत स्तर 647.7 मिली मीटर है। इसका मतलब है कि मुरैना जिले में 647.7 मिलीमीटर बारिश होना जरूरी है। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि अभी सितंबर माह बकाया है तथा केवल अभी 60 मिली मीटर की और जरूरत है। उम्मीद की जा रही है कि अगले महीने सितंबर माह में 60 मिलीमीटर बारिश की कमी पूरी हो जाएगी। किसान बोले- फसल को नुकसान का डर