मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस ने काउंसिलिंग रोकने की मांग की:संघ के अध्यक्ष ने कहा-पहले विसंगति दूर करें, फिर कराएं काउंसिलिंग

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स्कूल शिक्षा विभाग के मुताबिक प्रदेश के 52 जिलों में शहरी क्षेत्रों में 36 हजार से अधिक शिक्षक अतिशेष हैं। जिन्हें नए स्कूलों में पदस्थ करने को लेकर मंगलवार को प्रदेशभर में काउंसिलिंग कराई जा रही है। इससे शिक्षकों में नाराजगी है, वह कहते हैं कि अतिशेष शिक्षकों की सूची में कई विसंगति हैं, विभाग पहले उसे सुधारे फिर काउंसिलिंग कराए। मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस ने सूची में सुधार होने तक काउंसिलिंग स्थगित की जाए। शिक्षक कांग्रेस के अनुसार अतिशेष शिक्षकों की सूची में जूनियर और सीनियर शिक्षकों का ध्यान नहीं रखा गया है। कई जगह कनिष्ठ को अतिशेष माना है तो कहीं वरिष्ठ को। कई स्कूलों में एक शिक्षक पदस्थ है उसे भी अतिशेष मानकर उसका नाम जोड़ दिया गया, जिससे स्कूल शिक्षक विहीन हो जाएगा। कई स्कूलों में छात्रों के मान से दो शिक्षक पदस्थ हैं उसमें से एक को अतिशेष मानकर सूची में शामिल कर दिया। तो उच्च पद प्रभार में गए शिक्षकों का पोर्टल पर पद नाम नहीं बदला गया, जिससे कई उच्च पद प्रभार बारे शिक्षकों को अतिशेष सूची में शामिल कर लिया है। शिक्षक कांग्रेस के अध्यक्ष सतीश शर्मा, वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह राजावत एवं प्रांतीय सचिव कौशल शर्मा का कहना है कि सबसे महत्वपूर्ण बात है कि शैक्षणिक सत्र के बीच में विसंगतिपूर्ण अतिशेष शिक्षकों की काउंसिलिंग कराने से छात्रों की पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न होगा, जो छात्रों के लिए न्याय पूर्ण नहीं है। उनका कहना है कि अनेक विसंगतियों के बावजूद सूचियां जारी कर दी गई और काउंसिलिंग के लिए दिनांक भी निर्धारित कर दी, शिक्षकों को दावे-आपत्ति का समय भी नहीं दिया। शर्मा का कहना है कि विसंगतिपूर्ण सूची से काउंसिलिंग कराना शिक्षकों के साथ अन्याय है। जबकि उच्च पद प्रभार के बाद पोर्टल को अपडेट नहीं किया गया, दूसरी तरफ अभी अतिथि शिक्षकों की नियुक्तियां की जा रही हैं। अतिशेष शिक्षकों की काउंसिलिंग कराकर विभाग हजारों अतिथि शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। उन्होंने इस प्रक्रिया को तत्काल रोकने और सूची दुरस्त कराकर अगले साल अप्रैल-मई में काउंसिलिंग कराने की मांग की है। मांग करने वालो में अशोक प्रताप सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, हरीश नामदेव, आरपी सिंह, महेन्द्र दीक्षित, अनीता सारस्वत, अमित सेंगर, रामरतन सिंह तोमर, संजय माछीवाल, आनंद उपाध्याय, दीपेन्द्र सिंह, कल्याण सिंह कौरव, हेमराज राणा, नरेन्द्र सिंह तोमर, राजीव अग्रवाल, अवनीश सिंह, प्रभुदयाल राजपूत, धर्मेन्द्र रघुवंशी, सुरेश रावत सहित सभी पदाधिकारी शामिल हैं।