सीहोर का जिला अस्पताल रेफर सेंटर बनता जा रहा है। विशेषकर प्रसव पीड़ा झेल रही महिलाएं डिलीवरी के लिए मातृ शिशु अस्पताल पहुंचती है तो उन्हें तत्काल भर्ती करने की बजाय भोपाल जाने को कह दिया जाता हैं। ताजा मामला सामने आया हैं जिसमें गर्भवती पूजा शर्मा प्रसव पीड़ा होने पर मातृ शिशु अस्पताल पहुंची। जहां सिस्टर शारदा और कविता ने उनसे कहा कि ऑपरेशन कराओ नहीं तो भोपाल जाकर इलाज कराओ। वहीं डॉक्टर पुष्पा ने फोन पर नर्स से कहा कि महिला को भोपाल रेफर कर दो। अस्पताल में अव्यवस्था देख परिजनों ने उसे शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। मामले में महिला के पति राहुल शर्मा ने आरोप लगाया है कि जिला अस्पताल के मातृ शिशु इकाई में पदस्थ स्टाफ का व्यवहार सही नहीं था। लंबे समय से समस्या देखा जा रहा है कि चाहे जिला अस्पताल हो या मातृ शिशु अस्पताल यहां पर आए दिन ऐसी समस्या देखने को मिलती है जब मरीजों को बिना इलाज के ही भोपाल जाकर इलाज कराने को कह दिया जाता हैं। ऐसे मामले पहले भी सामने आ चुके है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं देता। कब सुधरेंगे हालात महिला के पति का आरोप है कि अस्पताल में मरीजों की सोनाग्राफी, एमआरआई नहीं की जाती है, ये जांच प्राइवेट लैब में कराने को कहा जाता हैं। इतना ही नहीं एक्सरे कराने पर फिल्म न होने की बात कहकर कम्प्यूटर स्क्रीन से फोटो खींचने को कहा जाता हैं। यदि किसी मरीज को फ्रेक्चर हो तो उसे प्लास्टर का सामान बाजार से लाने को मजबूर होना पड़ता हैं। इस मामले में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर प्रवीर गुप्ता का कहना है कि मरीज तत्काल शिकायत करते तो कार्रवाई और समस्या का समाधान भी किया जाता। अब बाद में क्या किया जा सकता हैं।