नर्मदापुरम समेत प्रदेश के 32जिलों में ग्रीष्मकालीन मूंग की समर्थन मूल्य पर हुई है। मूंग बेचने 25दिन बाद भी किसानों को भुगतान नहीं हो पाया है। किसान भुगतान के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। जिले में 14 सौ करोड़ रुपए की मूंग खरीदी गई है। जिसमें से अभी तक 40 फीसदी किसानों को 564 करोड़ रुपए का भुगतान बाकी है। भुगतान न होने से नर्मदापुरम सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने भी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से उनके घर पर मुलाकात की। केंद्रीय मंत्री चौहान से किसानों की समस्या बताते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बेची गई ग्रीष्मकालीन मूंग के शेष भुगतान कराने की मांग की। केंद्रीय मंत्री चौहान ने शीघ्र ही शेष किसानों के खाते में मूंग का भुगतान पहुंचने का आश्वासन दिया। जिले में मूंग की समर्थन मूल्य खरीदी के लिए 110 केन्द्र बनाए थे। जहां से 1 लाख 73 हजार मीट्रिक टन मूंग किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी थी। जो लगभग 14 सौ करोड़ रुपए की है। इसका भुगतान किसानों को 10 से 12 दिन में हो जाना था। लेकिन एक महीने बाद भी लगभग 40 प्रतिशत किसानों के खातों में 564 करोड़ रुपए का भुगतान बाकी है। इसका भुगतान कब तक किया जाएगा। किसानों का कहना है कि भुगतान नहीं होने के कारण आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मूंग फसल को लगाने दवा और खाद की व्यवस्था कर्ज लेकर दवाएं और खाद आदि की खरीदी में कर्ज लिया था। भुगतान नहीं होने से किसान कर्ज नहीं चुका पा रहे हैं। 564करोड़ रुपए का भुगतान बाकी विपणन अधिकारी देवेन्द्र यादव ने बताया 1400 करोड़ में से 836 करोड़ का भुगतान कर दिया है। 564करोड़ रुपए बाकी है। कुछ किसानों के रुपए खातों की गडबड़ी के कारण वापस आए हैं। किसानों को जल्द भुगतान मिल जाएगा।