डिंडौरी में स्थानीय दीदी कैफे परिसर में सोमवार को विश्व हिंदू परिषद ने 60वां स्थापना दिवस मनाया। पत्रकार वार्ता कर जिला अध्यक्ष डॉक्टर देवेंद्र मरकाम ने विश्व हिंदू परिषद की संत संपर्क, गो रक्षा, राम मंदिर आंदोलन, धर्मांतरण सहित अन्य कार्यों की जानकारी दी। जिला अध्यक्ष ने बताया कि 1964 विश्व हिंदू परिषद की स्थापना कृष्ण जन्माष्टमी के दिन की गई थी। 1966 में प्रयाग में प्रथम हिंदू सम्मेलन कर धर्माचार्यों ने धर्मांतरण रोकने और मुसलमान, ईसाई बने हिंदुओं की घर वापसी का संकल्प लिया था। 1969 में उडुपी में संत सम्मेलन में संतो ने धर्म शास्त्रों के अनुसार छुआ छूत न होने की घोषणा की थी। अवैध धर्मांतरण में अभी तक 40 लाख भाई-बहनों को बचाया जा चुका है। 9 लाख लोगों की हिंदू धर्म में घर वापसी करवाई जा चुकी है। पिछले एक साल में 8 हजार बहनों को लव जिहाद से बचाया गया है। राजस्थान के ब्यावर में लगभग एक लाख मुस्लिम धर्मांतरित हिंदुओ की घर वापसी करवाई गई है। बांसवाड़ा में 300 से ज्यादा स्कूल, 20 हॉस्टल, 100 से अधिक संस्कार केंद्र के माध्यम से 50 हजार ईसाइयों की हिंदू धर्म में वापसी करवाई गई है। उड़ीसा के सात जिलों में 15 स्कूल, 700 सत्संगों के माध्यम से 2 हजार लोगों की प्रतिवर्ष घर वापसी करवाई जा रही है। विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर आंदोलन चलाया तब 6 दिसंबर 1992 को बावरी ढांचे को ध्वस्त किया गया था। पत्रकार वार्ता में अरुण अवधिया, महेश गोगिया, कृष्ण गोपाल साहू, राजेंद्र सारथी सहित कार्यकर्ता मौजूद रहे।