राजधानी में रविवार रात गौरक्षकों ने नगर निगम के दो ऐसे ट्रक पकड़े, जिनमें बछड़े भरकर ले जाए जा रहे थे। आदमपुर खंती के पास पकड़े गए इन ट्रकों में डेढ़ से तीन साल तक की उम्र के बछड़े थे। गौरक्षकों का आरोप है कि इन बछड़ों को खंती में स्थित इंसीनरेटर में जिंदा जलाने के लिए लाया गया था। जबकि मौके पर पहुंचे निगम अफसरों का कहना है कि इन्हें ग्राम पंचायत की गौशाला में छोड़ने के लिए लाए थे। मौके पर मौजूद बजरंग दल के जिला संयोजक उपेंद्र शर्मा और प्रखंड अध्यक्ष शशांक शर्माने बताया कि इन गौवंश को अरवलिया स्थित कांजी हाउस सह गौशाला से लाया गया है। वहां से तीन ट्रक निकले थे, लेकिन जब आदमपुर खंती के पास दो ट्रकों को पकड़ा गया तो ड्राइवर ने पीछे आ रहे तीसरे ट्रक का सूचना दे दी और वह गायब हो गया। उपेंद्र का कहना है कि इन गौवंश को या तो इंसीनरेटर में जलाने के लिए लाए थे या फिर यहां से किसी बड़ी गाड़ी के जरिए स्लॉटर हाउस भेजने की तैयारी थी। संगठनों का कहना-निगम की गाड़ी में तस्करी का ये अनोखा मामला, एक गाड़ी हमें देखकर भाग गई बड़ा सवाल नियमानुसार अंधेरा होने के बाद गौवंश का परिवहन नहीं किया जा सकता। ऐसे में नगर निगम खुद क्यों इतनी रात में इन बछड़ों की शिफ्टिंग कर रहा था? जांच कर रहे हैं… रात में गायों से भरे ट्रक पकड़े जाने की सूचना मिली थी। नगर निगम के अफसर भी आ गए हैं। मामले में जांच कर रहे हैं। -वीरेंद्र कुमार सेन, टीआई, बिलखिरिया थाना आरोप गलत हैं… ^बछड़ों को ग्राम पंचायत की गौशाला में शिफ्ट किया जा रहा था। कोई गलतफहमी हुई है। स्लॉटर हाउस भेजने के आरोप गलत हैं। -रणवीर सिंह, एडीसी, नगर निगम