कोलार इलाके में स्थित कजलीखेड़ा एबीसी सेंटर में नसबंदी के लिए 7 अगस्त को डॉग (फीमेल) को मालिक ने नसबंदी के लिए दिया। एक नसबंदी के बाद एक सप्ताह के लिए उसे ऑब्जर्वेशन लिए रखा था। यहां संदिग्ध हालात में डॉग की शनिवार को मौत हो गई। इसके बाद फरियादी महिला ने सेंटर के कर्मचारियों से मौत का कारण पूछा तो कोई मौत कारण बताने को तैयार नहीं था। इसे लेकर महिला ने सेंटर में हंगामा किया, कार्रवाई की मांग को लेकर सेंटर के डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कोलार पुलिस ने आवेदन रिसीव कर मामले की जांच शुरू कर दी है। जानिए फरियादी महिला ने पुलिस को क्या बताया फरियादी रिबेका इमेनुअल एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षिका हैं। उन्होंने पुलिस को दिए आवेदन पत्र में बताया कि 7 अगस्त को उन्होंने अपने कॉले रंग के डॉगी को कजलीखेड़ा के एबीसी सेंटर में नसबंदी के लिए दिया था। 10 अगस्त को डॉग की नसबंदी गई। देख रेख नहीं होने के कारण बार-बार उसके टांके खुल रहे थे। कई बार शिकायत के बाद भी सही देख रेख नहीं की गई। शनिवार को कुत्ते को वापस लौटाना था। इससे पहले शनिवार की दोपहर को सेंटर के डॉ. राजेंद्र ने ओटी में डॉग को उपचार के लिए कर्मचारी के माध्यम से बुलाया। मौत का कारण डॉक्टर से पूछे यहां डॉग के टांके लगाए जा रहे थे, इसी दौरान डॉग की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। इसकी सूचना उन्हें नहीं दी गई। शाम को सेंटर में डॉग को लेने पहुंची तो उसकी लाश देखी। एक कर्मचारी वहां मिला उससे मौत का कारण पूछा तो जवाब मिला कि उसका काम केवल डॉग की देखरेख करना है। मौत का कारण डॉक्टर से पूछे। डॉक्टर ने भी मौत के संबंध में कोई जवाब नहीं दिया। टीआई आशुतोष उपाध्याय ने बताया कि मामले की जांच कराई जा रही है।