भारत सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) का विकल्प दिया है। जिसका मध्य प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी महासंघ ने स्वागत किया है। महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा है कि मध्य प्रदेश सरकार भी इस योजना को लागू करे। 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाली इस योजना में केंद्रीय कर्मचारियों को निश्चत पेंशन दी जाएगी, जो सेवा के अंतिम 12 महीने की एवरेज बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत होगा। 25 वर्ष की सेवा पूरी होने पर ही कर्मचारी को यह लाभ मिलेगा। राठौर ने कहा कि मध्य प्रदेश में काम करने वाले राज्य शासन के कर्मचारी, निगम-मंडल के कर्मचारी, सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारी और केंद्र शासन की विभिन्न योजनाओं में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भी यूपीएस लागू होना चाहिए। गौरतलब है कि वर्ष 2005 में केंद्र सरकार ने ओपीएस बंद कर एनपीएस लागू की थी। इसका पालन राज्य सरकारों ने भी किया था। अब जब केंद्र सरकार ने यूपीएस लागू करने की घोषणा कर दी है तो उसी तर्ज पर मध्य प्रदेश शासन में भी यूपीएस लागू होनी चाहिए। राठौर ने बताया कि केंद्र शासन को पत्र लिखकर मांग की है कि ईपीएफ पेंशन को भी इसी तरह सुधारा जाए, क्योंकि निगम-मंडल, सार्वजनिक उपक्रम में काम करने वाले कर्मचारी भी शासकीय कर्मचारी ही हैं। इसलिए ईपीएफ पेंशन बंद करके उन पर भी यूपीएस लागू किया जाना चाहिए।