चेहल्लुम पर्व के चलते शनिवार रात शहर में ताजिए निकाले गए। रिमझिम बारिश के बीच देर रात तक ताजिए निकालने का सिलसिला जारी रहा। इस बार कमेटी के लोगों ने ताजियों की ऊंचाई 15 फीट से कम रखी। जिसके चलते पहली बार ऐसा हुआ जब ताजिया निकाले जाने के दौरान विद्युत कटौती नहीं हुई। दरअसल, शांति समिति बैठक के दौरान अधिकारियों ने हिंदू और मुस्लिम समाज के लोगों से चर्चा की थी। जिसमें दोनों पक्षों के लोगों को प्रतिमाओं और ताजियों की ऊंचाई 15 फीट से कम रखने के लिए राजी किया गया था। इसके अलावा पुलिस प्रशासन ने शहर के चल समारोह मार्ग पर 15 फीट ऊंचाई के हाइट रिस्ट्रिक्टर लगा दिए हैं। मुस्लिम समाज के लोगों ने प्रशासन की गाइड लाइन का पालन करते हुए ताजियों की ऊंचाई 15 फीट से कम रखी। बीती रात जब शहर भ्रमण पर ताजिए निकाले गए तो विद्युत कटौती की जरूरत नहीं पड़ी। आज दोपहर बाद एक बार फिर शहर में ताजिया निकाले जाएंगे। शाम 7 बजे किले का मैदान में सभी ताजिए एकत्रित होंगे और इसके बाद महेंद्र सागर तालाब स्थित विसर्जन कुंड पर उन्हें विसर्जित किया जाएगा। पहली बार रोशनी में निकले ताजिए ताजियों की ऊंचाई अधिक होने के कारण हर बार मोहर्रम और चेहल्लुम पर्व के दौरान शहर में विद्युत कटौती की जाती थी। इस बार ऊंचाई कम होने के कारण प्रशासन को विद्युत कटौती नहीं करना पड़ी। जिसके चलते पहली बार रोशनी के दौरान ताजिए निकाले गए।