ग्वालियर में उस वक्त हादसा होते-होते टल गया जब चिड़ियाघर (गांधी प्राणी उद्यान ) में टाइगर के बाड़े की दीवार अचानक ढह गई। गनीमत रही कि उसे समय टाइगर के बाड़े की दीवार के पास कोई सैलानी मौजूद नहीं था। नहीं तो किसी की भी जान भी जा सकती थी। घटना शनिवार शाम 6:30 के 7:00 के बीच की है। जिस समय यह हादसा हुआ उसे वक्त टाइगरों को उनके केज में बंद कर दिया गया था। चिड़ियाघर बंद होने के कारण उसमें सैलानी भी नहीं थे। चिड़ियाघर प्रभारी का कहना है की दीवार काफी पुरानी हो गई थी और बरसात का पानी बैठने से यह दीवार ढह गई है।
ग्वालियर में दीवार ढहने की यह घटना चिड़ियाघर के टाइगर मीरा के बाड़े की है। टाइगर मीरा के बाड़े के सामने ही चिड़ियाघर प्रभारी उपेंद्र यादव का ऑफिस है। बताया जा रहा है कि जिस समय दीवार ढही उस वक्त चिड़ियाघर बंद कर दिया गया था। घूमने आने वाले सैलानी भी चिड़ियाघर बंद होने के बाद बाहर चले गए थे। सैलानियों के जाने के पहले ही सभी टाइगरों को उनके केस में बंद कर दिया गया था। बता दें कि शनिवार दोपहर के बाद से ही लगातार बारिश हो रही है। इसी बारिश के कारण टाइगर के बाड़े की यह दीवार में पानी बैठ गया था जिसके कारण यह दीवार ढह गई।
दीवार ढहने का पता चलते ही अन्य अधिकारी चिड़ियाघर पहुंचे थे जहां अधिकारीयों ने निरंक्षण कर ठेकेदार को दीवार बनाने के आदेश जारी कर दिए हैं। रविवार सुबह से टाइगर के बाड़े की गिरी हुई दीवार बनाने का कार्य शुरू हो जाएगा। दीवार बनाने वाले ठेकेदार कमल वर्मा ने बताया है की दीवार करीब 25 साल पुरानी थी। दीवार को जल्द ही बना दिया जाएगा।