मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने आदेश की अवमानना करने को लेकर बड़ा और सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट के आदेश का पालन न करने और फिर तलब किए जाने पर उपस्थित न होने पर हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार के जल संसाधन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव और चीफ इंजीनियर के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया है, जबकि चीफ इंजीनियर अब रिटायर हो चुके हैं।
यह है पूरा मामला
मामला जल संसाधन विभाग में कार्यरत रही एक महिला कर्मचारी की पेंशन से जुड़ा है, जल संसाधन विभाग में कर्मचारी रहीं रेणु बंसल जो अब रिटायर हो गई हैं। विभाग ने उन्हें पेंशन का हक देने से इनकार कर दिया। इसके खिलाफ रेणु बंसल ने पेंशन की मांग को लेकर हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ में एक याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पाया कि रेणु बंसल की पेंशन गलत तरीके से रोकी गई है। इस मामले में हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ ने 10 अप्रैल 2023 को फैसला सुनाया और सरकार को पेंशन भुगतान का आदेश दिया था।
चीफ इंजीनियर पूर्व में हो चुके हैं रिटायर्ड
इसके बाद तमाम चक्कर लगाने के बाद भी जब विभाग ने उनकी पेंशन शुरू नहीं की तो आवेदिका एक बार फिर हाईकोर्ट की शरण में गई और उन्होंने अवमानना याचिका दायर कर दी। इस पर कोर्ट ने इरीगेशन विभाग के तत्कालीन पीएस एसएन मिश्रा, ट्रेजरी अधिकारी और तत्कालीन चीफ इंजीनियर आरपी झा को समन भेजकर जवाब देने के लिए तलब किया। चीफ इंजीनियर आरपी झा अब रिटायर हो चुके हैं। सुनवाई के दौरान इनमें से सिर्फ ट्रेजरी ऑफिसर ही उपस्थित हुए।