राजधानी के जैन मंदिरों में संतो के चातुर्मास के दौरान श्रद्धा भक्ति और आस्था का संगम दिखाई दे रहा है। धार्मिक अनुष्ठानों के साथ मंदिरों में भक्ति रस बरस रहा है, वही संतों के द्वारा आशीष वचन में धर्म आध्यात्मिकता के साथ पर्यावरण की रक्षा सहित देश और प्रदेश के प्रति अपने उत्तरदायित्वों के निर्वहन की सीख दी जा रही है। इसी के तहत लालघाटी स्थित नंदीश्वर जिनालय में आचार्य विनम्र सागर महाराज का चातुर्मास चल रहा है। जिसमें शुक्रवार को विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया गया। महाराज ने कहा कि इच्छाओं की पूरी तरह समाप्ति ही मोक्ष की प्राप्ति है। प्रवक्ता अंशुल जैन ने बताया कि नंदीश्वर जिनालय में भक्तामर मंडल विधान एवं शिविर का आयोजन किया जा रहा है। धर्मावलंबियों द्वारा विशेष पूजा अर्चना के साथ विधान मंडल पर अर्ध अर्पित किए गए। पुण्य आर्जक परिवार, अजीत, शैलेश, राकेश, मुकेश, विशेष जैन बर्फी हाउस, विनोद, नितिन सहित आम्रपाली परिवार द्वारा आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन कर शास्त्र भेंट किए गए। आचार्य विनम्र सागर महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि इच्छाओं का पूरी तरह निरोध ही मोक्ष है। इच्छाएं और आकांक्षाएं हमें गर्त में ले जाती हैं। जो आवश्यकता को कम कर लेता है वह संत पुरुष है। अंशुल जैन ने बताया कि भोपाल के जैन मंदिरों में संतो के सानिध्य में अनुष्ठान निरंतर जारी हैं। अशोका गार्डन जैन मंदिर में मुनि विश्व सूर्य सागर महाराज, शाहपुरा जैन मंदिर में मुनि सुदत्त सागर महाराज, मुनि भूदत्त सागर महाराज, छूलक चंद्र दत्त सागर महाराज के सानिध्य में पूजा अर्चना के साथ अनुष्ठान हुए। चौक जैन मंदिर में आर्यिका गुरुमति माताजी, आर्यिका दृढ़मति माताजी शंकराचार्य जिनालय में आर्यिका विमलश्री माताजी, विन्हे श्री माताजी के सानिध्य में कल्याण मंदिर विधान में विशेष पूजा अर्चना की गई। वहीं अयोध्या नगर जैन मंदिर में आर्यिका अकलंकमति माताजी, आर्यिका सिद्धमति के सानिध्य में भगवान पार्श्व नाथ का अभिषेक और शांतिधारा की गई।