इंदौर के पास चोरल पिकनिक स्पॉट पर निर्माणाधीन रिसोर्ट की छत ने पांच मजदूरों की जान ले ली। सात महीने से काम चल रहा था। वन क्षेत्र में चोरल नदी के किनारे ही एक बड़ा कॉटेज और रिसोर्ट का हिस्सा तान दिया गया। घटना के बाद सरपंच ने कहा, चोरल नदी के किनारे वाला निर्माण अवैध है। एक्शन लिया जा रहा है। इधर, रिसोर्ट बना रहे एडवोकेट ने कहा है कि हमें निजी जमीन पर निर्माण की परमिशन थी, हादसा हुआ जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। इधर, पुलिस ने रिसोर्ट मालिक समेत चार पर केस दर्ज कर लिया है। बता दें, कि वन क्षेत्र वाली चोरल नदी के किनारे यह पहला और बड़ा रिसोर्ट बन रहा था। इसमें छह कॉटेज और एक रिसोर्ट बनना प्रस्तावित था। इसकी परमिशन ग्राम पंचायत ने दी थी। लेकिन, इसके निर्माणाधीन कॉटेज की छत गिरने से पांच मजदूर दब गए और सभी की मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस ने निर्माणाधीन रिसोर्ट के मालिकों विकास पिता श्रीनिवास डबकरा, अनाया पति भरत डेम्बला, विहाना पति जतिन डेम्बला और रिसोर्ट के मैनेजर राहुल अहिरवार पर केस दर्ज किया है। दैनिक भास्कर की पड़ताल में सामने आया कि यहां छह नहीं, बल्कि सात कॉटेज (रिसोर्ट बिल्डिंग अलग) बनाए जा रहे थे। अवैध कॉटेज चोरल नदी से महज 20 मीटर की दूरी पर बन रहा था। प्रशासन और सरपंच इसे तोड़ने का दावा कर रहे हैं। रिसोर्ट चौकीदार बोला- एक दिन पहले नहीं, राखी से पहले डली थी छत चोरल गांव में बन रहे रिसोर्ट के चौकीदार विनोद यादव ने कहा कि जिस कॉटेज में हादसा हुआ, वहां मैं चौकीदारी करता हूं। उसकी छत राखी से दो दिन पहले डाली गई थी। यह कहना गलत है कि गुरुवार रात को ताजा छत डाली गई और मजदूरों के सोने के कारण बल्ली सरकने से हादसा हुआ। अगर ताजा छत होती तो मटेरियल गिरता, पूरी छत कैसे धंस सकती है। निर्माण गुणवत्ता और अवैध निर्माण पर साधी चुप्पी एक मजदूर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कॉटेज बनाने में घटिया मटेरियल इस्तेमाल हुआ है। PWD के इंजीनियर ने भी निरीक्षण कर डिजाइन गलत ठहराई है। पता चला है कि 3 महीने पहले तक रिसोर्ट मालिक के भांजे ने सरिया, लोहा, सीमेंट, ईट, प्लाई वुड सप्लाई कराया। बाद में सप्लायर बदल दिया गया। निर्माणाधीन रिसोर्ट के काम में स्थानीय सरपंच के जेसीबी, डंपर, ट्रैक्टर लगे होने की बात सामने आई। दैनिक भास्कर के सवाल पर सरपंच ने जवाब देने से इनकार कर दिया। 100 फीट तक निर्माण की अनुमति नहीं, 40 फीट पर कर लिया चोरल के सरपंच अशोक सैनी बताते हैं कि हमारी पंचायत की ओर से चोरल नदी से 100 फीट की दूरी पर निर्माण कार्य की अनुमति नहीं दी जाती है। इनके नक्शे भी उसी आधार पर पास किए गए थे। एक निर्माण नदी के बिल्कुल पास किया गया है, जो पूरी तरह अवैध है। उसे तोड़ा जाएगा। भास्कर ने गूगल अर्थ की मदद ली तो पता चला कि चाेरल नदी से 40 फीट यानी 20 मीटर से भी कम दूरी पर अवैध कॉटेज बन रहा था। बेसमेंट में किचन, डाइनिंग हॉल और पार्टी हॉल के लिए भी प्लानिंग की जा रही थी। परमिशन से ज्यादा हिस्से में निर्माण होना पाया गया हादसे के बाद ग्राम पंचायत के सरपंच आठ में से एक कॉटेज अवैध बताते रहे। जब उनसे सवाल पूछा गया कि अवैध निर्माण रोका क्याें नहीं गया, तो वे कुछ नहीं कह पाए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन से अवैध निर्माण ढहाने का आदेश मिला है, कार्रवाई कर रहे हैं। बता दें, कि निर्माणाधीन कॉटेज और रिसोर्ट चोरल पंचायत से एक किलोमीटर दूरी पर बन रहा था। करीब आठ हजार वर्गमीटर की जमीन पर 1400 वर्ग मीटर में निर्माण की अनुमति दी गई थी। उससे ज्यादा में निर्माण हो रहा था। एक नहीं, दो अनुमति पत्र जारी हुए थे: पंचायत यह रिसोर्ट एक शख्स की जमीन पर नहीं है, बल्कि दो अलग-अलग जमीनों को जोड़कर चोरल नदी के किनारे बन रहा था। पहली परमिशन भरत डेम्बला और उनके परिवार के नाम से थी। दूसरी परमिशन विकास डबकरा के नाम पर है। दोनों की जमीन सटी हुई हैं और उस परिसर में रिसोर्ट और कॉटेज का निर्माण किया जा रहा था। दाेनों की जमीन पर निर्माण की परमिशन 14 अप्रैल 2024 को एक ही दिन ग्राम पंचायत चोरल ने जारी की थी। चोरल पंचायत से मिली जानकारी के मुताबिक फार्म हाउस के लिए 6 कॉटेज और एक विला (6+1) की अनुमति थी। मौके पर निर्माण कार्य उससे अधिक मिला। उसे निरस्त किया है। यह जमीन सुंदरलाल यादव के नाम थी जिसे विकास श्रीनिवास डबकरा, अनाया पति भरत डेम्बला, विहाना पति जतिन डेम्बला ने खरीदी थी। फार्म हाउस मालिक बोला- अनुमति लेकर काम किया जा रहा था फार्म हाउस मालिक भरत डेबला ने दैनिक भास्कर से चर्चा में कहा कि पूरा निर्माण अनुमति लेकर किया जा रहा था। गुरुवार रात ही मजदूरों ने छत भरी थी और उसी के नीचे सो गए थे। ताजा भरी हुई छत लोहे की बल्ली पर टिकी थी, शायद रात में किसी का पैर लगने से बल्ली सरक गई और यह हादसा हो गया। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में भोजन के दो घंटे बाद मौत का जिक्र चोरल के रिसोर्ट में कॉटेज में छत गिरने का हादसा इतना भयावह था कि नीचे सो रहे सभी मजदूरों के फेफड़े, दिल फट गए और पसलियां तक टूट गईं। पुलिस को अभी तक घटना का सही समय पता नहीं चला है, लेकिन शॉर्ट पीएम रिपोर्ट के मुताबिक मृतकों के भोजन करने के 2 घंटे बाद उनकी जान चली गई। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रात 12 से 1 बजे हादसा हो गया होगा। मां बेटे के लिए 2 घंटे अस्पताल में भटकती रही नगीन नगर में रहने वाला राजा पीओपी का काम करता था। घटना के कुछ दिन पहले ही उसे चोरल में काम मिला था। उसका एक भाई नानू उर्फ राहुल लूट केस में 5 साल से जेल में बंद है। राजा ही अपनी मां की देखभाल करता था। 11 बजे मां को पता चला कि चोरल हादसे में बेटे को भी जिला अस्पताल लाए हैं तो वह पहुंच गई। मां की हालत देख जवानों ने कहा कि अभी वह जिंदा है और उसका इलाज चल रहा है। इस पर वह 2 घंटे तक जिला अस्पताल में चप्पे-चप्पे पर घूमती रही। फिर बेटी चेतना और दामाद कपिल पहुंचे। उन्होंने उसे संभाला। बहन बोली कि राखी पर वह घर आया था। बोल रहा था कि अब चोरल में काम करने का मन नहीं है। मैंने बोला कि तू काम नहीं करेगा तो घर कैसे चलेगा। उसे समझाकर भेज दिया, लेकिन पता नहीं था कि ऐसा हादसा हो जाएगा। हादसे में इनकी गई जान घटनाक्रम से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… महू में छत गिरी, 5 की मौत, शव निकालने लगानी पड़ी 3 जेसीबी इंदौर के पास महू के चोरल गांव में एक निर्माणाधीन फार्म हाउस की छत गिर गई। हादसे में 5 मजदूरों की मौत हो गई। घटना गुरुवार देर रात की है। शुक्रवार सुबह ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो हादसे का पता लगा। उन्होंने सिमरोल पुलिस को सूचना दी।पुलिस-प्रशासन की टीम ने तीन जेसीबी और एक पोकलेन की मदद से राहत-बचाव कार्य शुरू किया। पूरी खबर यहां पढ़ें…