तीन दिन तक पीडब्ल्यूडी की सड़कें जांचेंगे अफसर:सागर-मालथौन सड़क सुधारने कमिश्नर, कलेक्टर की नहीं सुन रहे अफसर

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बारिश से उखड़ी सड़कों के सुधारने में लोक निर्माण विभाग के अफसरों पर नकेल कसने की मंत्री राकेश सिंह की नीति कारगर नहीं हो रही है। इसे देखते हुए अब लोक निर्माण विभाग की सड़कों के साथ विभाग के उपक्रम मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) की सड़कों की एक्चुअल रिपोर्ट लेने सीनियर अफसरों की तैनाती की गई है। उधर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की सड़कों की हालत यह है कि कमिश्नर और कलेक्टर को सड़कों की दशा सुधारने प्राधिकरण के अफसरों के हाथ जोड़ने पड़ रहे हैं। विभाग ने निर्देश दिए हैं कि शनिवार से सोमवार तक लगातार तीन दिनों तक लोक निर्माण विभाग के सड़क मरम्मत अभियान में किये गए कार्यों का अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाएगा। 24 अगस्त से 26 अगस्त तक हर संभाग के कार्यपालन यंत्री (भवन) को अपने संभाग के अंतर्गत आने वाली सड़कों का कम से कम 50 प्रतिशत या 300 किलोमीटर (जो भी अधिक हो) का रैंडमली निरीक्षण करना होगा। इस निरीक्षण का उद्देश्य मरम्मत कार्य की गुणवत्ता का मूल्यांकन करना और उसे रिकॉर्ड करना है। निरीक्षण के बाद हर संभाग के कार्यपालन यंत्री (भवन) को 28 अगस्त तक सड़कवार रिपोर्ट मुख्य अभियंता (सड़क व पुल) को देंगे। इसके लिए सड़कों की सूची कार्यपालन यंत्री (सड़क / पुल) द्वारा जिला स्तर के कार्यपालन यंत्रियों (भवन) को दी गई है ताकि समय पर और उचित निरीक्षण किया जा सके। साथ ही, यह भी निर्देश दिए गए हैं कि निरीक्षण के दौरान कार्यपालन यंत्री (भवन) लोक पथ मोबाइल ऐप का उपयोग करते हुए सिटीजन लॉगइन के माध्यम से सड़कों पर गड्ढों की रिपोर्टिंग भी करें। एमपीआरडीसी की सड़कों की जांच के लिए बनी है अलग टीम लोक निर्माण विभाग की एमपीआरडीसी अंतर्गत आने वाले सड़कों की रिपोर्ट के लिए जिन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है, उन्हें सड़क सुधार अभियान के तहत किये गए कार्यों का तीन दिनों में मौक़े पर पहुंचकर निरीक्षण करना होगा। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों द्वारा राज्य के सभी संभागों में लगभग 20 हजार किलोमीटर सड़कों को कवर किया जायेगा। विभाग ने निर्देश दिए हैं कि निरीक्षण के दौरान यदि किसी भी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सड़क विकास निगम द्वारा ठेकेदारों को सड़क सुधार कार्य पूरा करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया था जिसकी समीक्षा और निरीक्षण अब वरिष्ठ अधिकारी करने वाले हैं। 27 अगस्त को निरीक्षण अधिकारी देंगे जांच प्रतिवेदन जिन अफसरों की ड्यूटी निरीक्षण में लगाई गई है वे सड़कों की स्थिति देखने के बाद 27 अगस्त तक अपने संभागों के अंतर्गत सड़कों की मरम्मत और सुधार कार्यों का विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम को प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद सड़क विकास निगम और विभाग द्वारा जिम्मेदारों पर एक्शन लिया जाएगा। पहले कलेक्टर फिर कमिश्नर ने लिखा पत्र, सड़क सुधरवा दो दूसरी ओर सागर संभाग के अंतर्गत सागर से मालथौन नेशनल हाईवे की हालत इतनी खस्ता है कि पहले कलेक्टर और फिर संभागायुक्त ने एनएचएआई के अफसरों को चिट्‌ठी लिखकर सड़क सुधारने को कहा है। दो दिन पहले सागर संभागायुक्त वीरेंद्र रावत ने राष्ट्रीय राजमार्ग 44 के गड्ढे भरवाने एवं सुधार के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग के निदेशक को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि एनएचएआई का सागर जिले में लगभग 150 किमी का हिस्सा आता है, जो मालथौन टोल बूथ एवं तीतरपानी टोलबूथ के बीच है। पिछले एक साल के अंतराल में इस मार्ग से निकलने पर मार्ग की दुर्दशा के संबंध में परियोजना निदेशक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग जिला सागर को अवगत कराया गया और इसके सुधार के लिए कहा गया। इस मार्ग की खराब स्थिति को लेकर एनएचएआई के निदेशक से दूरभाष पर भी चर्चा कर सुधार के लिए कहा गया। दुर्घटनाएं होती हैं और कानून व्यवस्था की स्थिति बनती है संभागायुक्त रावत ने लिखा है कि अत्यन्त दुखद एवं विचारणीय स्थिति है कि मेरे द्वारा बार-बार अनुरोध किये जाने के पश्चात भी मार्ग को नहीं सुधारा गया है। इससे कई बार दुर्घटनाएं भी हुई हैं। वर्तमान में बारिश का मौसम है तथा बारिश के कारण मार्ग के गड्ढे वाहन चालकों को दिखाई न देने के कारण दुर्घटना होने की संभावना है। कई बार दुर्घटना के कारण कानून-व्यवस्था की स्थिति भी निर्मित होती है, जिससे प्रशासन को अप्रिय स्थिति का सामना करना होता है। इसलिए इसे जल्द दुरुस्त कराया जाए। इसके पहले 12 अगस्त को सागर के नवागत कलेक्टर संदीप जी. आर. ने भी विजिट के दौरान इस सड़क की हालत देखी और फिर राष्ट्रीय राजमार्ग 44 की गड्ढे भरवा कर मरम्मत करने के लिए परियोजना निर्देशक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण जिला-सागर को पत्र लिखा है। कलेक्टर ने लिका है कि इस मार्ग पर बम्होरी से बहेरिया तक सड़क अत्यंत खराब है।