अव्यवस्था:500 बस और 40 हजार यात्रियों के लिए 2 स्टैंड, जहां न पीने को पानी न बैठने को ठौर

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मॉनीटरिंग के लिए बस स्टैंड निगरानी समिति बनी है लेकिन बैठक नहीं हुई रेलवे स्टेशन स्थित अंतरराज्यीय व झांसी रोड स्थित बस स्टैंड बदहाली के दौर से गुजर रहा है। यहां हर दिन 500 से अधिक बसों का आना जाना है। जिनमें लगभग 40 हजार यात्री आते जाते हैं। ऐसे यात्रियों के लिए दोनों बस स्टैंड पर बैठने की तक की व्यवस्था नहीं है। दोनों बस स्टैंड पर लगभग 500 बसों से हर माह नगर निगम 6 लाख रुपए से अधिक वसूल करता है। लेकिन यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं दिया जा रहा। अंतरराज्यीय बस स्टैंड पर हर दिन 400 से अधिक बस आती हैं। यहां यात्री गंदगी के बीच फर्श पर बैठते हैं। ज्यादातर पंखे खराब हैं। दो-दो फीट के गड्ढ़े हैं। इसके साथ ही जहां बस खड़ी होती हैं वहां कीचड़ जमा हुआ है। वाटर कूलर वाले एक स्थान पर गंदगी है। वहीं शौचालय ठीक नहीं होने से यात्री रात में खुले में शौच तक कर जाते हैं। जिससे बदबू से यात्री परेशान होते हैं। वहीं झांसी रोड स्थित बस स्टैंड पर 100 से अधिक बसों का आना जाना होता हैं। यहां से बसों का संचालन करने वाले चालक, कंडक्टर का कहना था कि दो साल से नालियों की सफाई तक नहीं हुई। टैंक में गंदा पानी भरा हुआ है। जिससे मच्छर पनप रहे हैं। यहां के शौचालय बहुत गंदे हैं, जिनका उपयोग करने से यात्री बचते हैं। ज्ञात रहे अंतरराज्यीय बस स्टैंड के प्रभारी राकेश तोमर हैं। बस ड्राइवर व कंडक्टर का कहना था कि प्रभारी अपने कार्यालय में कभी कभार दिखते हैं। वहीं दैनिक भास्कर के रिपोर्टर बस स्टैंड स्थित उनके कार्यालय पर शुक्रवार को दोपहर 2 बजे के करीब पहुंचे तो उनके कार्यालय में ताला लटका मिला। नगर निगम 50 सीटर बस से प्रतिमाह 1250 रुपए शुल्क वसूल करता है रेलवे स्टेशन के पास बस स्टैंड पर भरा पानी। दूसरे चित्र में झांसी रोड बस स्टैंड के पास पसरी गंदगी। न सफाई न बैठक व्यवस्था ठीक ^अंतरराज्यीय बस स्टैंड पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। जहां बस खड़ी होती हैं वहां कीचड़ जमा हुआ है। साथ ही सफाई बिल्कुल नहीं होती। मक्खियों के बीच खड़े रहना पड़ता है। बैठने की तो व्यवस्था ही नहीं है। दो जगह पेयजल की व्यवस्था है, जहां गंदगी रहती है। -महेश, यात्री ये हैं जिम्मेदार अफसर… जिन्हें व्यवस्थाएं ठीक रखना है अंतरराज्यीय बस स्टैंड नगर निगम के जोन क्रमांक 10 में आता है। यहां की जेडओ प्रगति गोस्वामी हैं। जिन पर बस स्टैंड की व्यवस्थाएं बेहतर रखने की जिम्मेदारी है। वहीं जोन क्रमांक 13 के जेडओ विपिन दुबे हैं। जिन्हें झांसी रोड बस स्टैंड की व्यवस्थाएं बेहतर रखनी हैं। लेकिन दोनों ही अफसर अपनी जिम्मेदारी को नहीं निभा रहे, जिससे हर दिन 40 हजार यात्री परेशानी के बीच सफर कर रहे हैं।