मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ग्वालियर में 28 अगस्त को होने वाली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में आईटी सेक्टर में निवेश बढ़ाने प्रमुख कंपनियों से निवेश पर चर्चा करेंगे। इस सेक्टर में निवेश बढ़ने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इस कान्क्लेव में नीदरलैंड, घाना, कनाडा, मैक्सिको के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। मध्यप्रदेश की जीडीपी में आईटी सेक्टर का योगदान पांच बिलियन डॉलर है। प्रदेश में 15 आईटी पार्क हैं जिसमें से ग्वालियर में 75 एकड़ में आईटी पार्क है। आईटी बिल्डिंग 73 हजार वर्ग फीट में है और इसमें 20 हजार 400 वर्ग फीट स्थान खाली है। ग्वालियर कॉन्क्लेव में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की आईटी सेक्टर में निवेश क्षमताओं एवं संभावनाओं को निवेशक विस्तार से जानेंगे। इससे ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की औद्योगिक संभावनाओं की प्रभावी ब्रांडिंग की जायेगी, जिससे निवेश के लिये बेहतर वातावरण बनेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव वर्चुअली औद्योगिक इकाइयों का भूमिपूजन करेंगे। निवेशकों को भूमि आवंटन आदेश वितरित करेंगे। प्रमुख उद्योगपतियों के साथ चर्चा करेंगे। कॉन्क्लेव के माध्यम से निवेशकों का ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की औद्योगिक क्षमताओं और अवसरों की जानकारी देकर क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना है। कॉन्क्लेव में नीदरलैण्ड, घाना, कनाडा एवं मैक्सिकों सहित अन्य कई देशो के प्रतिनिधि सहभागिता कर रहे हैं। साथ ही देश के प्रमुख उद्योगपतियों, विभिन्न उद्योग संघों के प्रतिनिधियों, सहित लगभग 2500 से अधिक डेलिगेट्स भाग ले रहे हैं। चमड़ा और जूते, ऑटोमोबाइल, आईटी, ईएसडीएम, खनन, शिक्षा और पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख उद्योग प्रतिनिधि भाग लेंगे। छह सत्रों में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में निवेश अवसरों पर फोकस ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं पर केंद्रित छह विषयगत, क्षेत्रीय सत्र आयोजित किए जाएंगे। एमएसएमई, ओडीओपी, आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम, स्टार्टअप, चमड़ा और फुटवियर, उच्च शिक्षा और कौशल, हथकरघा और हस्तशिल्प तथा पर्यटन सेक्टर की जानकारी दी जाएगी। चमड़ा और फुटवियर क्षेत्र के उद्योग विशेषज्ञों के साथ राउंड टेबल चर्चा भी होगी। इस कार्यक्रम में 250 से अधिक क्रेता-विक्रेता बैठकें भी होंगी जिसमें तीन हजार स्थानीय उद्यमी शामिल होंगे और निवेशकों को क्षेत्रीय अनुभव प्रदान करने के लिए एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। वैचारिक और रचनात्मक गतिविधियों के लिए हर जिले में बने एक केंद्र इधर सीएम डॉ यादव ने शुक्रवार को आनंद विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अफसरों से कहा कि वैचारिक और रचनात्मक गतिविधियों के लिए प्रत्येक जिले में एक केंद्र अथवा भवन होना चाहिए जिसमें नगरीय विकास विभाग की सहभागिता भी हो। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति के आदर्श महापुरूषों पर प्रकाशित कृतियों को आनंद विभाग विद्यालय एवं महाविद्यालय के विद्यार्थियों तक पहुंचाएँ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भगवान श्रीकृष्ण के जीवन का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने जगत के कल्याण के लिए अनेक कार्यों का अंतिम लक्ष्य प्राप्ति तक नेतृत्व किया। उनके परिवार के सदस्यों ने भी अन्य लोगों के सुख एवं आनंद के लिए त्याग किया। इतिहास में ऐसे अनूठे उदाहरण मिलते हैं कि दूसरों के आनंद के लिए लोगों ने अपने जीवन और आनंद का परित्याग कर दिया। इतिहास के ऐसे अध्याय और विशिष्ट प्रसंग वर्तमान पीढ़ी के संज्ञान में लाने की आवश्यकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि हैप्पीनेस के पैमाने के मूल्यांकन के लिए प्रदेश के किसी उच्च शिक्षा संस्थान अथवा आई. आई. टी. के सहयोग से अध्ययन किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वैचारिक और रचनात्मक गतिविधियों के लिए प्रत्येक जिले में एक केंद्र अथवा भवन होना चाहिए जिसमें नगरीय विकास विभाग की सहभागिता भी हो। ये भवन मांगलिक भवन से भिन्न हो और यहाँ शहर के प्रबुद्ध वर्ग के साथ आम नागरिकों की उपस्थिति में रचनात्मक कार्यक्रम संचालित होना चाहिए।