मां को आत्मघाती कदम उठा कर अपनी जान देने के लिए मजबूर करने वाला बेटा आखिर सतना पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। वह पुलिस से 2 साल तक भागता-बचता फिर रहा था लेकिन एक गलती के कारण पूरी होशियारी धरी की धरी रह गई और कानून के पंजों ने उसे जकड़ लिया। मामला रामपुर बघेलान थाना इलाके के ग्राम चोरमारी का है जहां अगस्त 2022 में लीलावती सिंह ने बेटे की प्रताड़ना से तंग आकर फांसी के फंदे पर झूल कर आत्महत्या कर ली थी। जांच के दौरान पुलिस को पता चला था कि मृतका का बेटा राजेश सिंह (42) अपनी मां लीलावती के साथ शराब के नशे में मारपीट करता था,उसे परेशान करता था। लेकिन लीलावती की मौत के साथ ही राजेश लापता हो गया था। रामपुर पुलिस ने उसे अब साइबर सेल की मदद से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि वारदात के बाद फरार हो गए राजेश पर 5 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। वह भाग कर शिमला पहुंच गया था और वहां किसी कारखाने में काम करने लगा था। पुलिस पार्टी भेजी गई लेकिन वह हाथ नहीं आया। दो साल तक वह पुलिस को चकमा देता रहा लेकिन इस बार वह रक्षाबंधन पर जब अपनी ससुराल रीवा आया तो उसने एक ऐसा काम कर दिया कि उसकी सटीक लोकेशन साइबर सेल को मिल गई। पुलिस ने रीवा से उसका पीछा शुरू किया और जब राजेश सिंह मुकुंदपुर होते हुए रामपुर पहुंचा तो उसे दबोच लिया। सिम कार्ड ने पहुंचाया सलाखों के पीछे पुलिस ने बताया कि घटना की जांच के दौरान जब मृतका के घर की तलाशी ली गई तो वहां एक सेलफोन का डिब्बा मिला था। साइबर सेल ने उसके आईएमईआई नंबर को सर्विलांस में डाल दिया था। दो साल से वह मोबाइल चालू नहीं हुआ था लेकिन रक्षाबंधन के समय उसमे सिम लगी तो फोन चालू हो गया और पुलिस को फरार आरोपी राजेश की लोकेशन रीवा में मिल गई। लोकेशन मिलते ही साइबर सेल एक्टिव हुई और इसकी जानकारी रामपुर थाना पुलिस को दी। रामपुर टीआई यूपी सिंह ने छिबौरा चौकी प्रभारी सब इंस्पेक्टर अजय अहिरवार को फोर्स के साथ रीवा भेजा। साइबर सेल के सब इंस्पेक्टर अजीत सिंह भी उनके साथ गए और लगातार लोकेशन को ट्रेस करते रहे। आखिरकार आरोपी रामपुर बाघेलान बस स्टैंड में पकड़ लिया गया।