वॉट्सएप पर लुभावने ऑफर दे जाल में फंसाया:होटल रेटिंग और क्रिप्टो करंसी लॉकअप, माइनिंग टास्क के नाम पर ठगे 7.33 लाख

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ग्वालियर में फिर ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है। होटल को रेटिंग देना और क्रिप्टो करंसी लॉकअप माइनिंग टास्क के नाम पर मुरार में रहने वाले नितेश शर्मा से 7.33 लाख रुपए की ठगी हो गई। ताओसी मल्लाली विनोय नाम के ठग ने वॉट्सएप पर मैसेज कर नितेश को लुभावने ऑफर देकर जाल में फंसाया। ठगी का अहसास होते ही पीड़ित क्राइम ब्रांच थाना पहुंचा और शिकायत की है। क्राइम ब्रांच ने ठगों पर मामला दर्ज कर लिया है।
डीएसपी क्राइम आयुष गुप्ता (आईपीएस) और थाना प्रभारी अजय पंवार ने बताया कि 21 जनवरी 2024 को मुरार निवासी नितेश के वॉट्सएप पर अनजान नंबर से मैसेज आया था। इसमें घर बैठे पैसे कमाने की बात थी। ठग ने होटल को रेटिंग देने की बात बताई थी। नितेश ने रेटिंग देकर उसे सबमिट किया। फिर ठग ने एक टेलीग्राम अकाउंट का लिंक भेजा, जो किसी रंजना मौर्य के नाम से था। बात करने पर रंजना ने खुद को रिसेप्शनिस्ट बताया। इसके बाद रंजना ने नितेश से खाता संबंधी सभी जानकारी ले ली। नितेश को टेलीग्राम अकाउंट में जोड़ा। इसमें रोजाना 20 टास्क दिए जाते थे। नितेश ने दो तरह के टास्क पूरे किए और उसके खाते में 3900 रुपए भी आए। इसके बाद नितेश ने 3 हजार, 6 हजार और 20 हजार रुपए निवेश किए। यह रकम निवेश करते ही ठगों ने उसकी आईडी ब्लॉक कर दी। पूछने पर बताया कि उसने गलत करंसी परचेज कर ली है। आईडी खुलवाने के लिए उसे रकम भेजनी होगी। नितेश जाल में फंसता गया और लगातार रकम भेजता रहा। इस तरह उससे 7.33 लाख रुपए की ठगी हो गई।
ठगी का अहसास होते ही पहुंचा क्राइम ब्रांच
जब ऑनलाइन अकाउंट ब्लॉक को अनब्लॉक कराने के लिए नितेश ने लगभग साढ़े सात लाख रुपए खर्च कर दिए और उसके बाद भी उसके रुपए वापस नहीं आए तो उसे ठगी का अहसास हुआ। जिस पर वह क्राइम ब्रांच पहुंचा और मामले की शिकायत की है। जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर ठगों की तलाश शुरू कर दी है। जिन खातों में रुपए ट्रांसफर किए गए हैं वहां पुलिस पड़ताल कर रही है।
दो टास्क के नाम पर ऐसे फंसाया
टेलीग्राम पर जोड़ने के बाद नितेश को दो तरह के टास्क दिए जाते थे। पहले टास्क में ठगों के प्रोडक्ट को लाइक कर स्क्रीन शॉट देना होता था। साथ ही 5 स्टार रेटिंग देकर रिसेप्शनिस्ट को भेजना होता था। दूसरा प्रीपेड टास्क था। इसमें क्रिप्टो करंसी लॉकअप माइनिंग में जाकर करंसी परचेज करना होती थी। इसके निर्देश ठगों का ट्यूटर टास्क वालों को देता था। 60 सेकंड के काउंटडाउन के बाद प्रतिभागी जो राशि खरीदता था उसका मूल्य बढ़कर उसकी आईडी में दिखाई देने लगता था। फिर एक विड्रॉल फॉर्म दिया जाता था, जो रिसेप्शनिस्ट को भेजना पड़ता था।