जिन हाथों में कभी तलवार, छुरी, कट्टे और पिस्टल होते थे, आम लोग इनके करीब जाने से भी सहम जाते थे। उन हाथों में अब पेट्रोल पंप का नोजल थमा नजर आएगा। जी हां, हम बात कर रहे हैं, उन कैदियों की जो गंभीर अपराधों में जेल में बंद हैं। दरअसल, भोपाल में पहली बार सेंट्रल जेल के पेट्रोल पंप की शुरुआत होने जा रही है। यह पंप जेल के मुख्य द्वार के ठीक सामने एयरपोर्ट रोड पर बनकर तैयार हो चुका है। हिन्दुस्तान पेट्रोलियम की मदद से तैयार इस पेट्रोल पंप का इनोग्रेशन अगले महीने होना तय है। इस पेट्रोल पंप में 9 ओपन जेल के बंदी रिफिलिंग से लेकर अन्य काम देखेंगे। जबकि मैनेजमेंट का काम दो प्रहरियों के हाथ रहेगा। इसके लिए जेल बंदियों और प्रहरियों का प्रशिक्षण भी शुरू हो चुका है। जेल अधीक्षक राकेश भांगरे के मुताबिक 9687 स्क्वायर फीट में इस पेट्रोल पंप का निर्माण कराया गया है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपी) ने इस पेट्रोल पंप का निर्माण किया है। जमीन जेल विभाग ने दी थी। इसको शुरू करने के लिए जो पेट्रोल और डीजल चाहिए होगा, उसके लिए लोन पर एचपी कंपनी से लिया जाएगा। बाद में इस लोन को धीरे-धीरे चुकाया जाएगा। इस पेट्रोल पंप का संचालन ओपन जेल के कैदी और मैनेजमेंट प्रहरी करेंगे। इस काम को बेहतर ढंग से कराने के लिए बंदियों और प्रहरियों की ट्रेनिंग कराई जा रही है। 24 घंटे सातों दिन खुलेगा पंप आने वाले समय में पेट्रोल पंप 3 पारियों में 24 घंटे संचालित किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। रिस्पॉन्स बेहतर होने की हालत में आगे जाकर इस पंप में प्रत्येक शिफ्ट में 9 बंदी काम करेंगे, इस प्रकार रोजाना 30 बंदियों को रोजगार मिलेगा। उन्हें करीब 500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मेहनताना हिंदुस्तान पेट्रोलियम की ओर से दिया जाएगा। इन विभागों से लेनी पड़ी एनओसी जेल प्रशासन को यहां पेट्रोल पंप संचालन के लिए आधा दर्जन से अधिक विभागों नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, वन विभाग सहित एसडीएम एवं जिला कलेक्टर तक से एनओसी लेनी पड़ी। इस पूरी प्रक्रिया में करीब एक साल का समय लग गया था। इंदौर में शुरू हुआ था जेल विभाग का पहला पेट्रोल पंप सेंट्रल जेल के अधीक्षक राकेश भांगरे मुताबिक वर्ष 2020 में इंदौर शहर में इंडिया ऑयल के सहयोग से जेल विभाग का पहला पेट्रोल पंप बनाया गया। इसके बाद सागर टीकमगढ़ में जेल विभाग के पेट्रोल पंप का संचालन किया जा रहा है। भोपाल के पेट्रोल पंप पर वह सभी सुविधाएं रहेंगी, जो अन्य पेट्रोल पंप पर रहती हैं। पेट्रोल और डीजल की दरें भी वहीं रहेंगी। बस पेट्रोल पंप शुरू करने का उद्देश्य थोड़ा हटकर है। मुनाफे से कर्मचारियों की बीमारी में देंगे सहयोग जो समिति इस पेट्रोल पंप को संचालित कर रही है वह मुनाफा से कर्मचारियों की बीमारी में सहयोग देगी। जो कर्मचारी के बच्चे पढ़ाई में अच्छे हैं, लेकिन आगे की शिक्षा में रुपयों की दिक्कत आ रही है, उन्हें हेल्प करेगी। यह कर्मचारियों के कल्याण के लिए शुरू किया गया है। इसका जो भी प्रॉफिट आएगा, वह समिति ही खर्च करेगी।