भोपाल मेट्रो के स्टील ब्रिज के रखे गर्डर:200 टन वजनी क्रेन की मदद से रखे 33.5 मीटर गर्डर; एक और ब्लॉक मिलेगा

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भोपाल मेट्रो के स्टील ब्रिज के लिए रेलवे ट्रैक के ऊपर 33.5 मीटर लंबे गर्डर रख दिए हैं। अब एक और ब्लॉक मिलेगा। जिसमें 65 मीटर लंबे और 416 टन वजनी ओवन वेब गर्डर रखे जाएंगे। बता दें कि आरकेएमपी से डीआरएम ऑफिस के बीच रेलवे लाइन है। इसलिए 65 मीटर लंबा स्टील ब्रिज असेंबल किया गया। दोनों ओर कई महीने पहले ही पिलर खड़े हो चुके थे। रेलवे के ब्लॉक का इंतजार मेट्रो के अफसर कर रहे थे। यह ब्लॉक मिलते ही दोनों ओर गर्डर रख दिए गए। इस ब्रिज की चौड़ाई 15 मीटर और ऊंचाई 14 मीटर रहेगी। ताकि, नीचे ट्रेनें आसानी से गुजर सके। मार्च में काम की शुरुआत हुई इसी साल जनवरी-फरवरी में ब्रिज के पार्ट्स अलवर से भोपाल आ गए थे। जिन्हें मार्च में असेंबल करना शुरू किया गया। मार्च में काम की शुरुआत की गई। करीब छह महीने से रास्ता भी डायवर्ट किया गया है। दूसरी ओर, डीआरएम ऑफिस तिराहे की सड़क के ऊपर ब्रिज के पॉर्ट्स असेंबल किए जा चुके हैं। इसे भी पिलर के ऊपर रखा जाएगा। रेलवे क्रॉसिंग के बाद दूसरा ब्रिज डीआरएम ऑफिस चौराहे पर 48 मीटर लंबा और 8 मीटर चौड़ा ब्रिज बनेगा। यह भी 14 मीटर ऊंचा रहेगा। ब्रिज बनने के बाद नीचे गाड़ियां निकलेगी तो ऊपर मेट्रो गुजरेगी। 200 टन वजनी ट्रेन का उपयोग किया मेट्रो कॉपोरेशन के अफसरों ने बताया कि भोपाल मेट्रो प्रॉयोरिटी कॉरिडोर के लिए हबीबगंज नाका रेलवे क्रॉसिंग पर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सफलतापूर्वक पूरा किया। भारतीय रेलवे द्वारा दिए गए 2 घंटे के ब्लॉक के भीतर में 200 टन क्रेन का उपयोग करके रेलवे ट्रैक पर दो 33.5 मीटर एमजी गर्डर स्थापित किए हैं। अगला प्रमुख कार्य 65 मीटर और 416 टन के ओपन वेब गर्डर की स्थापना है।