श्रीलक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में श्रीमदजगद्गुरु रामानुजाचार्य नागोरिया पिठाधिपति स्वामीजी श्रीविष्णुप्रपन्नाचार्यजी महाराज के सान्निध्य में 15 दिनों से चल रहे झूला महोत्सव का आज 22 अगस्त सातुड़ी तीज ओर समापन हुआ। देवस्थान के पुजारी द्वारा गोविंदा गोविंदा के जयघोष के साथ जय दुबे, मुकुंद रामानुजदास, विशाल पांडे, गोपाल शर्मा, ललित द्वारा चांदी के पर झुले प्रभु श्री वेंकटेश जी संग भगवती श्री महालक्ष्मी जी को आभूषण धारण कराकर विराजमान किया गया। आज भक्त और भगवान दोनों ने ही भजनों की मस्ती में मस्त हो प्रभु ने झूलने का ओर भक्तों ने प्रभु को झुलाने का खूब आनंद लिया। इस अवसर पर वेंकटेश भजन मंडली द्वारा भजनों को झुले में झूले श्याम, बांसुरी वाला, एकली खड़ी रे मीरा बाई एकली खड़ी मोहन आओ तो सही, लोग कहते हैं भगवान आते नहीं कदम के नीचे डला है झूला, श्री मन्नारायन भवतारायन, गोविदा गोविंदा वेंकटरमण गोविंदा जैसे सुंदर भजनों की प्रस्तुति हुई। वेणुगोपाल संस्कृत पाठशाला के विद्यार्थियों द्वारा आलवन्दार स्तोत्र, वेंकटेश स्तोत्र, विष्णुसहस्त्र नाम, रामरक्षा स्तोत्र के साथ अनेक स्तोत्र पाठ किया गया। बुधवार को सातुड़ी तीज के पावन पर्व अनेक महिलाओं ने भी अपनी पारंपरिक वेशभूषा में देवस्थान में आकर भगवती श्रीमहालक्ष्मी जी की कुमकुम से और प्रभु वेंकटेश जी की तुलसी दल से अर्चना कराकर अपने सुहाग की लंबी आयु की मनोकामना कर प्रभु को झूला झुलाया। देर रात्रि को प्रभु वेंकटेश की महा आरती की गई, तत्पश्चात स्तोत्र पाठ के साथ गोष्टी प्रसाद वितरण किया गया। इसी के साथ 15 दिवसीय झूला उत्सव का समापन हुआ। इस अवसर पर पंकज तोतला पवन व्यास, अंकित पाठक, रमेश चितलांगया, पवन भलिका, कृष्णा शर्मा, पार्थ अंकित सोनी, विनीत गोयल, नंदलाल शर्मा, गजेंद्र राठौड़ विशेष रूप से मौजूद थे।