गोई नदी पर पुल निर्माण की तैयारी शुरू:विभागीय अधिकारियों और इंजीनियरों ने किया फाइनल सर्वे, राज्यसभा सांसद ने किया था प्रयास

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बड़वानी जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर स्थित राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी के गृह-क्षेत्र में स्थित सिलावद से होलगांव के मध्य गोई नदी पर 8 करोड़ की लागत से बनने वाले पुल के निर्माण की तैयारी शुरू हो गई है। सेतु विभाग खरगोन के अधिकारियों और इंजीनियरों ने यहां पहुंचकर फाइनल सर्वे रिपोर्ट तैयार कर ली है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, बारिश के बाद यहां पुल का निर्माण कार्य शुरू होगा। खरगोन सेतु विभाग के इंजीनियर एके मुकाती ने अपनी टीम के साथ यहां पहुंचकर सर्वे रिपोर्ट तैयार की। अब टेंडर प्रक्रिया की जाएगी। जिसके बाद ठेका होते ही पुल का काम शुरू हो जाएगा। इस दौरान पूर्व जनपद उपाध्यक्ष महेश भावसार, भाजपा नेता राम पांडे, नयन अलावे सहित अन्य लोग भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि सिलावद-होलगांव के मध्य बह रही गोई नदी पर पुल बनाने की मांग पिछले तीन दशक से हो रही थी। नदी में बहने से बीते वर्षों में कई ग्रामीणों की बहने से मौत हो चुकी है। इस समस्या को लेकर ग्रामीणों की मांग को देखते हुए राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी पिछले करीब 4 सालों से यहां पुल की स्वीकृति कराने के प्रयासों में लगे थे। डॉ. सोलंकी के लगातार प्रयासों के बाद पिछले माह आए बजट में इस पुल को स्वीकृति मिल गई है। बारिश का मौसम खत्म होने के बाद यहां पुल का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इस पुल के बनने से सिलावद से पाटी की दूरी भी लगभग 4 किमी कम हो जाएगी। वहीं इस क्षेत्र से जुड़े 70 से 80 गांवों के लोगों को राहत मिल सकेगी। खासकर स्कूली विद्यार्थियों के साथ ग्रामीण किसानों और बीमार लोगों को सिलावद आने-जाने में 4 किमी घूमना नहीं पड़ेगा। राज्यसभा सांसद द्वारा क्षेत्रवासियों को पुल की सौगात दिलाने से पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है। ग्रामीणों को लगाना पड़ता है 4 किमी का चक्कर सिलावद से होलगांव के मध्य गोई नदी पर पुल बनने से सिलावद से पाटी की दूरी में भी करीब 4 किमी की कमी आ जाएगी। वर्तमान में इस क्षेत्र से जुड़े दर्जनों गांवों के लोगों को यहां पुल नहीं होने से 4 किमी घुमकर सिलावद आना-जाना पड़ता है। हालांकि, अब यहां नदी पर पुल बन जाने से ग्रामीण पुल पार करते ही सिलावद पहुंच सकेंगे। इससे उन्हें 4 किमी का चक्कर भी नहीं लगाना पडेÞगा। स्थानीय भाजपा नेता महेश भावसार तथा राम पांडे ने बताया कि यहां पुल बनने से क्षेत्र के होलगांव, सिपाहीदुवाली, डोंगल्यापानी, तांगड़ा, धमारिया, ठेंग्चा, वलन, पलवट सहित पाटी क्षेत्र के ग्रामीणों को सिलावद आने-जाने में 4 किमी की दूरी कम तय करना पड़ेगी। वहीं दूसरी ओर क्षेत्र के आसपास के ग्रामीणों, मरीजों, स्कूली विद्यार्थियों और किसानों को भी सिलावद आने-जाने में कुछ मीटर की ही दूरी तय करना पड़ेगी। इससे उन्हें काफी राहत मिलेगी। राज्यसभा सांसद के 4 साल के प्रयास लाए रंग
उल्लेखनीय है कि गोई नदी पर इस पुल के निर्माण की नींव सबसे पहले करीब 4 साल पहले राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने ही रखी थी। राज्यसभा सांसद बनते ही उन्होंने सेतु विभाग के अधिकारियों के साथ यहां दो किमी पैदल चलकर मौका-मुआयना किया था। जिसके बाद लगभग 8 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर सेतु विभाग खरगोन के माध्यम से मुख्यमंत्री के समक्ष भेजा गया था। वहीं क्षेत्रवासियों की इस मांग को लेकर वर्ष 2021 में मप्र शासन में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री तथा क्षेत्रीय विधायक रहे प्रेमसिंह पटेल तथा राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेरसिंह सोलंकी ने प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष भी रखा था। जिस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इसकी स्वीकृति की सहमति दी थी। हालांकि, शिवराज सरकार के समय पुल की मंजूरी नहीं मिल सकी। इस असफलता के बाद भी राज्यसभा सांसद के प्रयास लगातार जारी रहे और आखिरकार साढ़े तीन साल के प्रयासों के बाद अब इस पुल की स्वीकृति मिल चुकी है। कई लोग गंवा चुके हैं अपनी जान क्षेत्र के ग्रामीणों की मानें तो होलगांव में गोई नदी पर पुल के अभाव में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। शॉर्टकट के चलते कई लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं। ऐसे ही नदी पार करते समय पिछले वर्षों में कई लोगों की बहने से मौत हो चुकी है। वर्तमान में भी लोग नदी पार कर पैदल आना-जाना करते हैं। जिससे हर समय हादसे का डर बना रहता है। गोई नदी में ऊपरी हिस्से में पांचपुलादक्षिण में शहीद भीमानायक लोअर गोई परियोजना का बड़ा बांध बना हुआ है। जिससे कभी भी डेम से पानी छोड़ दिए जाने से भी जान-माल के नुकसान का खतरा बना रहता है। वहीं नदी में पानी भी अब हर समय रहता है। ऐसे में यहां पुल बनाने की मांग लगातार की जा रही थी। अब यह मांग पूरी हो गई है।