कई विभाग हरकत में आ गए:वेतन और ग्रेड पे के लिए 8000 से ज्यादा संविदाकर्मी कोर्ट पहुंचे

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संविदा कर्मचारियों की मुश्किल कम नहीं हो पा रही हैं। सीपीआई इंडेक्स के आधार पर वेतन देने के मामले में मचे हड़कंप के बीच वेतन और ग्रेड पे कम करने के मामलों ने जोर पकड़ लिया है। इस मामले में सिर्फ 1 साल में 8000 से ज्यादा कर्मचारी अदालत में पहुंचे। इन्होंने याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई है। हाईकोर्ट द्वारा स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन एसीएस सहित पांच अफसरों के खिलाफ वारंट जारी करने के बाद इस मामले में कई विभाग हरकत में आ गए हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी कर 12 योजनाओं और महकमों में कार्यरत उन संविदा कर्मचारियों की जानकारी बुलाई है जिन्होंने वेतन या ग्रेड पे बढ़ाने को लेकर विभागों में एप्लीकेशन दे रखी है। सर्कुलर के साथ 17 कॉलम का एक फॉर्मेट भी अटैच किया गया है। इसमें वेतन ग्रेड पे और पे लेवल सहित अन्य जानकारी बुलाई है। मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि हमने संभाग स्तर पर बैठक बुलाना शुरू कर दिया है। ऐसे कर्मचारियों की जानकारी एकत्रित की जा रही है। सितंबर के पहले हफ्ते में राज्य सरकार के सामने एक ड्राफ्ट पेश करेंगे। किसका-कितना था, कितना हुआ इनका ग्रेड पे कम कर दिया था इन महकमों से बुलाई जानकारी राज्य समन्वयक पीएम शक्ति पोषण, संचालक पंचायत राज संचालनालय,आयुक्त मनरेगा परिषद, सीईओ आरआरडीए, मिशन संचालक स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, संचालक पीएम आवास योजना ग्रामीण, संचालक राज्य संपरीक्षा समिति, प्रमुख अभियंता आरईएस, संचालक राजीव गांधी जल ग्रहण मिशन। राज्य शिक्षा केंद्र के सहायक प्रबन्धक को 5400 ग्रेड पे के अनुसार वेतन मिल रहा था उनको 4200 के हिसाब से वेतन निर्धारित कर दिया था। सहायक यंत्री का 5400 ग्रेड पे से 4200 कर दिया। एपीसी जेंडर, बी आर सी को 3600 ग्रेड पे से 3200 कर दिया। डाटा एंट्री ऑपरेटर को 2400 ग्रेड पे से 1900 कर दिया। इन महकमों से बुलाई जानकारी राज्य समन्वयक पीएम शक्ति पोषण, संचालक पंचायत राज संचालनालय,आयुक्त मनरेगा परिषद, सीईओ आरआरडीए, मिशन संचालक स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, संचालक पीएम आवास योजना ग्रामीण, संचालक राज्य संपरीक्षा समिति, प्रमुख अभियंता आरईएस, संचालक राजीव गांधी जल ग्रहण मिशन।