भोपाल जिला पंचायत ऑफिस में बुधवार को शिक्षा समिति की मीटिंग हुई। इसमें अध्यक्ष-सदस्यों ने राष्ट्रगान न होने, शिक्षकों की कमी और स्कूलों में पानी की किल्लत के मुद्दे पर अफसरों को जमकर फटकार लगा दी। सदस्य विनय मेहर ने कहा कि स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं है, जबकि फरवरी में बोर्ड परीक्षा होने वाली है। ऐसे में बच्चों के भविष्य अंधकार में है। दोपहर 3 बजे मीटिंग शुरू हुई। जिपं उपाध्यक्ष और समिति अध्यक्ष मोहन सिंह जाट ने पिपलिया बाज खां स्थित श्रीमंत माधवराव सिंधिया शासकीय माध्यमिक स्कूल में राष्ट्रगान नहीं होने का मामला उठाया। एक दिन पहले वे स्कूल पहुंचे थे। इस स्कूल में राष्ट्रगान नहीं होने पर उन्होंने आश्चर्य जताया। इस पर डीईओ और डीपीसी से कहा कि निरीक्षण में शिकायत सही पाई गई है। कड़ी कार्रवाई हो। सरकारी स्कूलों में प्रार्थना के साथ राष्ट्रगान होना आवश्यक है। डीपीसी ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि मामले में सख्त कार्रवाई कर रहे हैं। अफसरों ने भी स्कूल का निरीक्षण किया है। अफसरों पर नाराज हो गए सदस्य
सदस्य मेहर ने ग्राम खितवास स्थित हाईस्कूल में पानी की किल्लत होने का मुद्दा भी उठाया। अफसरों पर नाराज होकर उन्होंने खुद के खर्च से ट्यूबवेल में मोटर लगाने की बात कह दी। गांव के स्कूलों में शिक्षकों की कमी का मामला भी उठा दिया। उन्होंने कहा कि स्कूल के 3 शिक्षकों को चुनाव संबंधित कार्य में लगा दिया है। अब कोई चुनाव नहीं है। इसलिए शिक्षकों को वापस स्कूल में पदस्थ किया जाए। निर्माण, शिक्षकों की कमी के बारे में भी पूछा
मीटिंग उपाध्यक्ष जाट, सदस्य मेहर के साथ सदस्य विक्रम भालेश्वर, अनिल हाड़ा और सदस्य प्रतिनिधि विनोद राजोरिया ने निर्माण कार्य और शिक्षकों की कमी के बारे में अफसरों से सवाल-जवाब किए।