रिटायर्ड IPS श्रीवास्तव की किताब में चर्चित नागौरी अपहरण कांड:इंदौर के तांत्रिक ने कहा था; बच्चे के वजन बराबर पत्थर अलमारी पर रख दो, नरबलि का भी जिक्र

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इंदौर में बतौर आईजी पदस्थ रहे रिटायर्ड IPS शैलेंद्र श्रीवास्तव की किताब “शेकल द स्टार्म’ इन दिनों काफी चर्चा में है। इस किताब के जरिए यह जानना बड़ा रोमांचक हो सकता है कि पुलिस अधिकारी अपराध की गुत्थियों या बड़े मामलों को सुलझाने के लिए उन्हें किस नजर से देखते हैं। इस किताब में अपराध की अंधेरी दुनिया की ऐसी-ऐसी रोमांचक कहानियां हैं, जिनमें अपराधी के सोचने, योजना बनाने, अपराध करने और फिर पुलिस के हत्थे चढ़कर जेल की सलाखों तक पहुंचने की सच्ची घटनाएं हैं। किताब में कुल 14 कहानियां हैं। लेकिन इस किताब की सबसे ज्यादा ध्यान खींचने वाली दो कहानियां हैं इंदौर का चर्चित नीतेश नागौरी अपहरण कांड और 1989 में नीमच में हुआ नरबलि केस। बता दें कि 1986 बैच के आईपीएस शैलेंद्र श्रीवास्तव मप्र पुलिस में 34 साल की नौकरी के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं। सबसे पहले बात इंदौर के नीतेश नागौरी अपहरण कांड की, जिसमें शामिल थे D कंपनी के गुर्गे… 4 करोड़ की फिरौती मांगी थी साल 2005 में 4 करोड़ रुपए की फिरौती के लिए किए गए इंदौर के चर्चित नीतेश नागौरी अपहरण कांड का उल्लेख इस किताब में है। किताब के मुताबिक अंडर वर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम की बेटी माहरुख की शादी का लहंगा सिलने वाला टेलर इस्माइल इस अपहरण कांड का मास्टर माइंड था। 1986 बैच के आइपीएस शैलेंद्र श्रीवास्तव के अनुसार, मैंने तब बतौर इंदौर आईजी जॉइन किया था। जब अपहरण की यह घटना हुई, उस वक्त मैं भोपाल में एडीजी इंटेलिजेंस एसके राउत के पास बैठा था। राउत मुझे इंदौर की आबोहवा से अवगत करवा रहे थे, तभी इंदौर के तत्कालीन एसपी आदर्श कटियार का फोन आया। उन्होंने बताया कि बड़े सीमेंट कारोबारी के बेटे का अपहरण हुआ है। मैंने डीजीपी को घटना बताई और तुरंत इंदौर रवाना हुआ। अपहरण के बाद तांत्रिक की शरण में पहुंचा था परिवार नीतेश के दोस्त ध्रुव और कथित सहयोगी गौरव को सितंबर 2005 में इस्माइल की मदद के आरोप में गिरफ्तार किया गया। ध्रुव ने पूछताछ में शिवपुरी के इस्माइल को मास्टर माइंड बताया था, जो दाऊद के सिपहसालार गैंगस्टर आफताब आलम का करीबी था। दोनों अब तक फरार हैं। 10-15 दिन बाद भी जब बच्चा नहीं मिला तो उसके परिजन इंदौर के एक बड़े तांत्रिक (अब इस दुनिया में नहीं हैं) की शरण में पहुंचे। तांत्रिक ने परिवार के लोगों को बच्चे के वजन के बराबर पत्थर उसकी कपड़ों की अलमारी के ऊपर रखने के लिए कहा था। बाद में पुलिस ने सकुशल बच्चे को बरामद कर परिजनों को सौंपा था। नीमच जिले में हुई नरबलि नीमच जिले के एक चर्चित नरबलि कांड का जिक्र भी किताब में है। 13 साल की बच्ची की उसके मामा ने कालका माता मंदिर में बलि चढ़ा दी थी। बच्ची को देवी शक्ति आती थी। मामा को पेट संबंधित बीमारी थी। बच्ची ने ही बलि के लिए मामा को कहा था। परिवार की रजामंदी से बलि दी गई। मामला 1989 का है। पुलिस मौके पर पहुंची और जब बच्ची को गोद में उठाया तो धड़ हाथ में था और सिर जमीन पर। घटना में बाद में खुलासा हुआ था कि बच्ची की बलि दी गई है। दाऊद, राजन की गैंगवार भी पुस्तक में श्रीवास्तव ने दाऊद इब्राहिम और छोटा राजन के बीच हुई गैंगवार का भी उल्लेख किया है। उन्हें यह जानकारी छोटा राजन के शार्प शूटर विक्की मल्होत्रा से मिली थी। विक्की को कारोबारी सुरेश भदौरिया से चार करोड़ रुपए फिरौती मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। श्रीवास्तव के मुताबिक विक्की ने बताया कि वह एक मामूली चोर से गैंगस्टर बन गया। वह दो बार दाऊद इब्राहिम की हत्या की कोशिश कर चुका था।