सीमेंट-कांक्रीट के बर्ड टावर पर शासन ने रोक लगा दी है। पर्यावरण प्रेमी अभिलाष खांडेकर की याचिका व शिकायत के बाद इस दिशा में वन संरक्षक एवं वन्य प्राणी विभाग द्वारा सीमेंट-कांक्रीट के बर्ड टावरों को पर्यावरण के प्रति खतरा मानते हुए इनके निर्माण पर पाबंदी लगाने के आदेश जारी किए गए। पर्यावरण विदो ने भी इसे घातक बताया व विरोध किया जा रहा था। उनका कहना था कि पक्षियों को प्राकृतिक घर में ही रहने दिया जाए, ये घर उनके लिए ठीक नहीं है व इनमें कबूतर के अलावा अन्य पक्षी नहीं दिखेंगे, क्योंकि कबूतर अन्य पक्षियों को रहने नहीं देते। शासन के आदेश के बाद उज्जैन वन विभाग ने भी पूरे संभाग में निर्देश जारी कर दिए हैं। डीएफओ डॉ. किरण बिसेन ने बताया कि बर्ड टावर को चिह्नित कर इन्हें बनवाने वालों को नोटिस जारी करेंगे। साथ ही सीमेंट-कांक्रीट के नए बर्ड टावर नहीं बन सके, इसे लेकर सभी रेंजर को निर्देश जारी कर दिए हैं। वन विभाग के इस पर नजर रहेगी और अगर कोई आदेश का उल्लंघन कर इन्हें बनाने का प्रयास करते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।