रायसेन में मंगलवार शाम को कजलिया का परंपरागत चल समारोह शहर में चार जगहों से ढोल-नगाड़ों के साथ निकाला गया। शहर के अथांई मोहल्ला, नरापुरा, शिकारीपुरा सहित पाटनदेव क्षेत्र से गाजे-बाजे के बीच निकाले गए। लहंगी व राई के बीच सावन गीतों पर युवाओं की टोलियां मंजीरों व ढोलक के बीच सुर ताल के साथ कदम ताल मिलाते हुए जमकर झूमीं। वहीं महिलाएं सिर पर भुजरियों की डालियां रखकर इस जुलूस में शामिल हुईं। इसके बाद इन भुजरियों को श्रद्धा पूर्वक प्राचीन मिश्र तालाब, भुजरिया तालाब, कुम्हरिया तालाब में विसर्जन किया। इसके बाद शहर में जगह-जगह भुजरिया मिलन के कार्यक्रम हुए, जिसमें लोगों ने एक-दूसरे के गले मिलकर गिले शिकवे दूर किए और भाईचारा बनाए रखने की दुआ मांगी। छोटों ने बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। जुलूस में जगह-जगह पुलिस बल भी तैनात था। पुलिसकर्मियों द्वारा ड्राफ्ट व्यवस्था बनाई जा रही थी।