जिले में पारंपरिक जल स्रोतों की अनदेखी की जा रही है। इनके साफ-सफाई और मरम्मत को लेकर जिम्मेदारों का ध्यान नहीं, नतीजतन यह समय के साथ क्षतिग्रस्त स्थिति में होते जा रहे हैं। जिले में अनेक लघु, मध्यम और वृहद जलाशय हैं, जिनसे शहरों और गांवों में जल आपूर्ति तो की जाती है लेकिन इनके नवीनीकरण पर इतना ध्यान नहीं दिया जाता। जल संसाधन विभाग के तहत कई तालाब हैं जिनकी दुर्दशा हो रही है। उल्लेखनीय है कि मुख्यालय से कुछ दूरी पर स्थित जमोनिया तालाब की पाल पर कई पेड़, झाड़ उग रहे हैं। जिनकी कटाई को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। बारिश के समय में यह पेड़, झाड़ और भी तेजी से बढ़ रहे हैं और इनकी जड़े तालाब की पाल को कमजोर कर रही हैं। शहर की प्यास बुझाने वाले जलाशय की अनदेखी
जमोनिया तालाब से नगर के कई वार्डों में जला पूर्ति की जाती है। नगरपालिका के लिए यह तालाब काफी उपयोगी साबित हो रहा है, नहर के माध्यम से किसानों को सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध कराया जाता है। शहर और गांव के लिए महत्वपूर्ण इस तालाब की जल संसाधन विभाग और नगरपालिका अनदेखी कर रहे हैं। पाल पर उगे झाड़ पेड़ नहीं काटने से इसके क्षतिग्रस्त होने का खतरा बना है। तालाब को बने कई साल बीत चुके हैं लेकिन इसकी विभाग द्वारा मरम्मत भी नहीं कराई जाती। इसको लेकर ग्रामीणों में भी काफी नाराजगी है। बारिश में उग गए पेड़
जल संसाधन विभाग के एसडीओ राहुल बामनिया ने बताया कि पाल पर लगे दो बड़े पेड कटवा दिए गए हैं, बारिश के कारण झाड़ियां उगने लगी हैं। समय समय पर कटाई करवाई जाती है। यदि पेड झाड़ उग रहे हैं तो कटवा देंगे।