प्रधानमंत्री ने देश को 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। अंतरराष्ट्रीय सहयोग व कार्यक्रम के मुताबिक यह अभियान चलाया गया है। इस अभियान के तहत 2023 के लिए जिले की 9 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है। इनमें जैसीनगर, मालथौन, रहली, केसली एवं शाहपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायतें शामिल हैं। टीबी मुक्त सूचकांक के तहत इन्हें टीबी मुक्त घोषित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत इन ग्राम पंचायतों को 2023 के लिए टीबी मुक्त घोषित किया गया है। इसके लिए पंचायत से जानकारी मांगी गई थी। इस जानकारी का सत्यापन केंद्रीय टीम द्वारा किया गया। इसके बाद पंचायत का सूचकांक के तहत मूल्यांकन किया गया। इसके बाद केन्द्रीय टीबी संस्थान नई दिल्ली द्वारा टीबी मुक्त ग्राम पंचायत घोषित किया गया है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत टीबी मुक्त ग्राम पंचायत पहल के अंतर्गत टीबी मुक्त ग्राम पंचायत के प्रस्तुत दावों के सत्यापन के बाद इसमें सागर जिले की 09 ग्राम पंचायतों को वर्ष 2023 के लिए टीबी मुक्त ग्राम पंचायत घोषित किया गया है। विकासखंडवार टीबी मुक्त ग्राम पंचायत {शाहपुर-आमेट, बाछलोन, बन्नाद, चितौरा {जैसीनगर-बेरखेरी गुसांई { मालथौन-खटौरा कला {रहली-कुमरई { केसली-नारायनपुर जनपद स्तर पर दिया जाएगा सम्मान 2023 के लिए टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों के प्रमाण पत्र एवं योग्य ग्राम पंचायतों को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा स्मृति चिन्ह (महात्मा गांधी की एक प्रतिमा (कांस्य रंग) के साथ दी जाएगी। स्मृति चिन्ह एवं प्रमाणपत्र एसटीएस के माध्यम से जिला क्षय केन्द्र सागर से प्रदान दिए जाएंगे। लगातार तीन साल तक बनाए रखने पर मिलेगी स्वर्ण प्रतिमा : अभियान के तहत पहले साल टीबी मुक्त होने पर पंचायत को कांस्य प्रतिमा दी जाएगी। लगातार दो साल तक टीबी मुक्त रहने पर रजत प्रतिमा दी जाएगी। लगातार तीन साल तक टीबी मुक्त रखने पर स्वर्ण प्रतिमा दी जाएगी। यह हैं टीबी मुक्त होने के 5 मानदंड 1. टीबी मुक्त अभियान के तहत प्रत्येक पंचायत में एक हजार की आबादी में कम से कम 30 टीबी टेस्ट होने चाहिए। यदि उस पंचायत में टीबी की आशंका वाले लोगों की संख्या अधिक है, तो टेस्टों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है यानि किसी व्यक्ति में अगर टीबी जैसे लक्षण हैं, तो उसका तुरंत टेस्ट होना चाहिए। 2. पंचायत की एक हजार की जनसंख्या पर टीबी के मामलों की संख्या शून्य या अधिकतम एक होनी चाहिए तथा इसकी सूचना तुरंत निक्षय पोर्टल पर दर्ज होनी चाहिए। 3. निक्षय पोषण योजना के तहत सभी टीबी मरीजों को दवाइयों के साथ-साथ पोषण के लिए 500-500 रुपए की राशि दी गई हो या कम से कम पहली किश्त जारी हो चुकी हो। 4. निक्षय मित्रों से पोषण सहायता लेने की सहमति देने वाले सभी उपचाराधीन टीबी रोगियों को निक्षय मित्रों से पोषण सहायता मिल रही हो। 5. पंचायत में टीबी रोगियों का उपचार सफलतापूर्वक पूरा होने की दर 85 प्रतिशत से अधिक हो। टीबी रोगियों में टीबी की दवाइयां बेअसर होने संबंधी जांच कम से कम 60 प्रतिशत हो।